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Last Updated : मंगलवार, 29 जून 2021 (22:33 IST)

जम्मू में ड्रोन हमले के बाद PM नरेंद्र मोदी की हाईलेवल मीटिंग, भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा

जम्मू में ड्रोन हमले के बाद PM नरेंद्र मोदी की हाईलेवल मीटिंग, भविष्य की चुनौतियों पर चर्चा - pm narendra modis high level meeting after the drone attack in jammu discusses future challenges in defense sector
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ बैठक की। इसमें उभरते सुरक्षा खतरों तथा देश के सामने मौजूद भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए व्यापक नीति तैयार करने में तेजी लाने पर जोर रहा। बैठक के बारे में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने यह जानकारी दी।
 
जम्मू में भारतीय वायुसेना केंद्र पर ड्रोनों से विस्फोटक गिराए जाने की घटना के दो दिन बाद यह बैठक हुई है। यह संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा प्रमुख सैन्य प्रतिष्ठान पर ड्रोन से हमला किये जाने का पहला मामला था।
बैठक के बाद एक सूत्र ने कहा कि सरकार उभरती चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए एक नीति तैयार कर रही है। नीति बनाने का काम तेजी से करने का फैसला किया गया। अनेक मंत्रालय तथा विभाग देश के सामने उभरती नयी तथा गैर-परंपरागत सुरक्षा चुनौतियों का मुकाबला प्रभावी तरीके से करने की दिशा में काम कर रहे हैं। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि तीनों सेनाएं नीति बनाने तथा सभी प्रमुख हितधारकों एवं सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय करते हुए इनके क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाएंगी।
 
समझा जाता है कि तीनों सेनाओं को ड्रोन हमले जैसी नए युग की चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने में अंतरालों को पाटने पर पर्याप्त ध्यान केंद्रित करने और आवश्यक साजो-सामान खरीदने के लिए कहा जा रहा है।
 
सूत्रों के अनुसार, बैठक में सुरक्षा बलों को आधुनिक उपकरण प्रदान करने तथा इस क्षेत्र में और अधिक युवाओं, स्टार्ट-अप एवं रणनीतिक समुदाय को जोड़ने समेत अन्य पहलुओं पर भी चर्चा की गयी।
 
सेना पहले ही भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए कृत्रिम बुद्धिमता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस), संज्ञानात्मक विज्ञान, रोबोटिक्स, ड्रोन, क्वांटम कम्प्यूटिंग, नैनो टेक्नोलॉजी तथा साइबर क्षमताओं पर काम कर रही हैं। जानकारों ने बताया कि तीनों सेनाओं तथा प्रमुख राष्ट्रीय सुरक्षा योजनाकारों की अगले कुछ सप्ताहों और महीनों में श्रृंखलाबद्ध बैठकें होंगी, ताकि नीति बनाने पर काम तेज किया जा सके।
 
उन्होंने कहा कि सेनाओं को ड्रोन हमलों से निपटने के लिए ड्रोन-रोधी तकनीक हासिल करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा गया है। जम्मू हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अपने सभी ठिकानों पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
 
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दो से तीन किलोमीटर के क्षेत्र में दुश्मन ड्रोनों को मार गिराने के लिए ड्रोन-रोधी प्रौद्योगिकी विकसित की है। इस दायरे को बढ़ाने पर और अनुसंधान होने की संभावना है। जम्मू वायु सेना स्टेशन पर हमले के एक दिन बाद चौकन्ने जवानों ने जम्मू में रत्नुचक-कालूचक सैन्य स्टेशन पर ड्रोनों से निशाना साधने के ताजा प्रयासों को नाकाम कर दिया। (भाषा)