शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. PM Modi To Inaugurate Kartarpur Corridor On November 8 : Harsimrat Kaur Badal
Written By
Last Modified: शनिवार, 12 अक्टूबर 2019 (19:25 IST)

मोदी की मंत्री का ऐलान, 8 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे PM

मोदी की मंत्री का ऐलान, 8 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे PM - PM Modi To Inaugurate Kartarpur Corridor On November 8 : Harsimrat Kaur Badal
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने ट्‍वीट कर जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। उन्होंने ट्वीट में कहा कि 8 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के साथ ही इतिहास बन जाएगा।
 
हरसिमरत कौर ने अपने ट्‍वीट में लिखा कि 'गुरुनानाक देवजी के आशीर्वाद से, सिख पंथ की करतारपुर साहिब के 'खुले दर्शन दीदार' की अरदास आखिरकार सच होने जा रही है। 8 नवंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करतारपुर कॉरिडोर के उद्घाटन के साथ ही इतिहास बन जाएगा।
 
योजना के लिए प्रतिबद्ध भारत : इससे पूर्व विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत करतारपुर कॉरिडोर परियोजना जल्दी पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा था कि भारत को आशा है कि उसकी ओर की ढांचागत परियोजना तय समय में पूरी हो जाएगी।
 
रवीश कुमार ने कहा था कि चार लेन का राजमार्ग बनकर तैयार है और आधुनिक यात्री टर्मिनल अक्टूबर के अंत तक तैयार हो जाएगा। कुमार ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ एक समझौता साझा किया है, लेकिन उसे अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है।
कुछ दिन पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह समेत कई दलों के नेताओं को सर्वदलीय जत्थे में शामिल होने का न्योता दिया था। भारत ने अपनी तरफ से उद्घाटन की तारीख बता दी है।
 
पाकिस्तान ने कहा- तय नहीं है तारीख : करतारपुर कॉरिडोर पाकिस्तान के करतारपुर में बने गुरुद्वारे दरबार साहिब को भारत के पंजाब में डेरा बाबा नानक से जोड़ेगा। हालांकि पाकिस्तान ने बीते गुरुवार को स्पष्ट किया इस कॉरिडोर को खोले जाने की तारीख अभी तय नहीं है।
 
1522 में गुरु नानक देव ने किया था निर्माण : करतारपुर के दरबार साहिब के बारे में सिखों की मान्यता है कि गुरु नानक देव ने इसे 1522 में बनाया था और यहां अपने आखिरी दिन गुजारे थे, इसलिए यह भारतीय सिख श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा का केंद्र माना जाता है।