मोदी सरकार जल्द बना सकती है दो संतान नीति का कानून, पीएम ने जनसंख्या विस्फोट पर जताई चिंता
भोपाल। 15 अगस्त को लालकिले की प्राचीर से अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के 70 दिनों के कामकाज का ब्यौरा पेश करने के साथ ही अगले पांच सालों में सरकार के विजन को भी देश के सामने रखा। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में देश की बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए उसे जनसंख्या विस्फोट से जोड़ दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे यहां जनसंख्या विस्फोट हो रहा है, ये आने वाली पीढ़ी के लिए संकट पैदा कर रहा है, लेकिन यह भी मानना होगा कि देश में एक जागरूक वर्ग भी है और जो इस बात को अच्छे से समझते हुए अपने परिवार को समिति रखते हुए एक तरह से देशभक्ति का ही प्रदर्शन कर रहा है। पीएम ने आबादी नियंत्रण के लिए छोटे परिवार पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री के लालकिले से दिए इस बयान के बाद इस बात की चर्चा तेज हो गई हैं कि क्या मोदी सरकार जनसंख्या नियत्रण को लेकर कोई कानून बनाने जा रही है।
पिछले दिनों जनसंख्या नियंत्रण को लेकर एक प्राइवेट बिल पेश करने वाले सांसद राकेश सिन्हा कहते हैं कि 20014 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने जो भी घोषणा लालकिले से की है उसको लागू किया है और अब पीएम के बयान से साफ है कि जनसंख्या नियंत्रण सरकार की प्राथमिकता में है और उसको लागू करेगी। राकेश सिन्हा कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर जल्द ही कानून बनना चाहिए और इसको सख्ती से लागू करना चाहिए।
संसद में पेश हो चुका है विधेयक – छोटे परिवार को देशभक्ति से जोड़ने के पीएम मोदी के बयान के बाद इस बात की संभावना बढ़ गई है कि सरकार जल्द ही दो संतान नीति को लागू करने के लिए कानून बना सकती है।
हाल में ही खत्म हुए संसद सत्र में संघ विचारक और सांसद राकेश सिन्हा ने राज्यसभा में ‘जनसंख्या विनियमन विधेयक 2019’ प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया है। विधेयक में दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को दंडित करने के साथ ही उनको सभी सरकारी लाभों से वंचित करने का प्रावधान भी है। प्रस्तावित बिल में दो बच्चों के बाद नसबंदी का प्रस्ताव होने के साथ सभी समुदाय,जाति और क्षेत्र मे समान रुप से लागू करने का प्रस्ताव है।
पीएम मोदी के छोटे परिवार को देश भक्ति से जोड़ेने पर राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा कहते हैं कि देशभक्ति का संदर्भ समय के अनुसार बदलता है। आज के समय में ‘हम दो हमारे दो’ की नीति पर जो चलते है वह एक तरह से देशभक्ति है।
वह कहते हैं कि देश में आज उत्तरी राज्यों और दक्षिण राज्यों में जनसंख्या को लेकर रीजनल असंतुलन पैदा हो रहा है उसके सामाजिक और अर्थिक असंतुलन पैदा होता है। राकेश सिन्हा ने कांग्रेस पर जनसंख्या नियंत्रण को लेकर के करुणाकरन समिति की सिफारिश को नजरअंदाज करने का आरोप भी लगाया है।
संघ का भी हैं पुराना एजेंडा - मोदी सकार जो अपने दूसरे कार्यकाल में संघ के एजेंडे को तेजी से पूरा करती हुई दिखाई दे रही है उसमें अब जनसंख्या नियंत्रण कानून पहली प्राथमिकता बनता दिखाई दे रहा है। छोटे परिवार के लिए शुरू से हिमायती रहा संघ जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर काफी मुखर रहा है। पिछले साल संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल में जनसंख्या नीति को पुनर्निधारण कर नीति को सभी पर समान रुप से लागू करने का प्रस्ताव पहले ही पास किया जा चुका है।
संघ प्रमुख मोहन भागवत पहले ही कई मौकों पर जनसंख्या नियंत्रण के लिए नई नीति बनाने पर साफ शब्दों में अपनी राय रख चुके हैं। संघ बढ़ती जनसंख्या को राष्ट्र के विकास और संप्रभुता के राह में एक बड़ा रोड़ा मानता रहा है।