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Last Updated :नई दिल्ली , गुरुवार, 14 दिसंबर 2023 (11:36 IST)

parliament security breached : संसद की सुरक्षा में सेंधमारी, 6 में से 5 गिरफ्त में, किया पूरी प्लानिंग का खुलासा

parliament security breached  : संसद की सुरक्षा में सेंधमारी, 6 में से 5 गिरफ्त में, किया पूरी प्लानिंग का खुलासा - parliament security breached with planning 6 people were involved 5 accused stayed at one place in gurugram
parliament security breached : संसद की सुरक्षा में बुधवार को हुई सेंधमारी की घटना में शामिल 6 में से 5 आरोपियों को पकड़ लिया गया है। पुलिस के अनुसार अच्छी तरह से समन्वित, सावधानीपूर्वक रची गई साज़िश के जरिए छह आरोपियों ने संसद की सुरक्षा में सेंध लगाई।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी अमोल शिंदे और नीलम को संसद भवन के बाहर से पकड़ा गया, जबकि सागर शर्मा और मनोरंजन डी को लोकसभा के अंदर से पकड़ा गया। ये पुलिस की हिरासत में हैं।
 
पुलिस को संदेह है कि उनके दो और साथी ललित और विशाल भी हैं। सूत्रों ने बताया कि विशाल को गुरुग्राम से हिरासत में लिया गया है, जबकि ललित को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस के दलों को विभिन्न स्थानों पर भेजा गया है।
सागर शर्मा और मनोरंजन डी शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा में कूद गए और उन्होंने 'केन' से पीली गैस को फैलाते हुए नारेबाज़ी की। हालांकि सांसदों ने उन्हें पकड़ लिया।
 
लगभग उसी समय संसद भवन के बाहर अमोल शिंदे और नीलम ने केन से लाल और पीले रंग का धुआं फैलाते हुए 'तानाशाही नहीं चलेगी' आदि नारे लगाए।
 
पुलिस सूत्रों ने कहा कि 6 लोगों ने साज़िश रचकर और अच्छी तरह से किए गए समन्वय के जरिए घटना को अंजाम दिया और ये सभी इंस्टाग्राम और अन्य सोशल मीडिया मंचों के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे, जहां उन्होंने साज़िश रची थी।
 
उन्होंने बताया कि आरोपियों ने कुछ दिन पहले साज़िश रची थी और बुधवार को संसद आने से पहले उन्होंने टोह भी ली थी।
 
सूत्र ने कहा कि उनमें से पांच लोग संसद में आने से पहले गुरुग्राम में विशाल के आवास पर रुके थे। साज़िश के अनुसार, सभी छह संसद के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन केवल दो को ही पास मिला।"
 
अमोल शिंदे से पूछताछ में पता चला कि 6 आरोपी एक-दूसरे को पिछले चार साल से सोशल मीडिया के जरिए जानते थे।
 
पुलिस के एक सूत्र ने कहा कि उनकी विचारधारा एक थी और इसलिए उन्होंने सरकार को संदेश देने का फैसला किया। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इन्हें किसी व्यक्ति या किसी संगठन ने निर्देश दिया था। 
 
उनके मुताबिक पूछताछ में अमोल ने बताया कि वे किसान आंदोलन, मणिपुर संकट, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से परेशान थे, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया।”