मुंबई। महाराष्ट्र भाजपा नेता पंकजा मुंडे ने गुरुवार को पार्टी छोड़ने की कयासों को खारिज दिया लेकिन पार्टी की राज्य कोर कमेटी का सदस्य अब नहीं रहने की घोषणा कर उन्होंने अपनी नाराजगी भी जाहिर कर दी।
दिवंगत पिता गोपीनाथ मुंडे की जयंती पर बीड़ में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए पंकजा ने कहा कि भाजपा उनके पार्टी में रहने को लेकर फैसला करने के लिए स्वतंत्र है।
उल्लेखनीय है कि पंकजा पिछले पांच साल से अपने पिता की जयंती पर रैली आयोजित करती रहीं हैं, लेकिन इस साल राजनीतिक परिस्थितियों की वजह से लोगों में इसको लेकर कौतूहल था। कयास लगाए जा रहे थे कि वह 21 अक्टूबर को चुनाव में मिली आश्चर्यजनक हार के बाद भाजपा छोड़ सकती हैं।
इन कयासों को तब बल मिला जब उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि राजनीतिक पृष्ठभूमि में बदलाव के बाद भविष्य की राह और लोगों की सेवा को लेकर विचार करने की जरूरत है।
पंकजा मंगलवार को राज्य भाजपा कोर कमेटी की बैठक में भी शामिल नहीं हुई और गुरुवार को उन्होंने घोषणा की कि लोकतंत्र की अनुपस्थिति में कोर कमेटी का सदस्य बने रहने का कोई औचित्य नहीं है।
अपने भाषण में पंकजा ने हालिया विधानसभा चुनाव में पर्ली सीट से अपने रिश्ते के भाई और राकांपा नेता धनंजय मुंडे से मिली हार का उल्लेख करते हुए कहा कि कुछ भाजपा नेता (परोक्ष रूप से देवेंद्र फडणवीस के लिए) इस सीट से उनकी जीत नहीं चाहते थे। पंकजा ने कहा कि वह जनवरी में पूरे महाराष्ट्र में ‘मशाल रैली’ निकालेंगी।
गोपीनाथ के गढ़ में रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैं अगले साल जनवरी से पूरे महाराष्ट्र में मशाल रैली की शुरुआत करने जा रही हूं। मैं अपने काम की शुरुआत 26 जनवरी को मुंबई स्थित गोपीनाथ मुंडे प्रतिष्ठान से करूंगी।
पंकजा ने कहा कि मैं औरंगाबाद में एक दिन का भूख हड़ताल करूंगी। यह किसी पार्टी या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है। मराठवाड़ा क्षेत्र की समस्याओं की ओर नेतृत्व का ध्यान आकर्षित कराने के लिए यह सांकेतिक भूख हड़ताल होगी।
पंकजा की रैली में लगे बैनर में भाजपा का पार्टी निशान कमल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर नदारद रही। भाजपा छोड़ने के कयासों पर पंकजा ने कहा कि बगावत उनके खून में नहीं है। पंकजा ने कहा कि उनके फेसबुक पोस्ट पर राज्य में मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल से अधिक चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि मैं भाजपा नेतृत्व से उम्मीद करती हूं कि वह पता लगाए कि उनके पार्टी छोड़ने की बहस को मीडिया में किसने हवा दी। पंकजा ने कहा कि क्या जानबूझकर मेरी छवि खराब करने की कोशिश की गई थी कि मैं पद के लिए पार्टी पर दबाव बना रही हूं। उन्होंने कहा कि मैं विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सहित किसी पद के लिए लॉबिंग नहीं कर रही थी।
पंकजा ने कहा कि भाजपा पहले कुछ लोगों की पार्टी थी, लेकिन बाद में राज्य के बहुसंख्य लोगों ने इसे स्वीकार किया। यह योगदान है मेरे पिता गोपीनाथ मुंडे का। इसलिए मैं कहती हूं कि यह पार्टी मेरे पिता की है। अगर यह पार्टी फिर कुछ लोगों के हाथ में जा रही है तो मुझे क्यों नहीं बोलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कौन मुख्यमंत्री होगा इस फैसले की घोषणा हो चुकी थी और मैं भी इस पर सहमत थी। चुनाव प्रचार के आखिरी दिन तक मैंने हर सीट जीतने की कोशिश की ताकि पार्टी की ताकत बढ़े। पार्टी के लिए यह करने के बाद खबर फैली कि मैं बगावत करूंगी। पार्टी को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और पता लगाना चाहिए कि दोषी कौन है।
रैली को संबोधित करते हुए भाजपा नेता एकनाथ खड़से ने कहा कि वह पार्टी की मजबूती के लिए चार दशक से काम कर रहे हैं, लेकिन आज पार्टी ऐसा माहौल बना रही है कि हमें पार्टी छोड़ देनी चाहिए। यह अच्छी स्थिति नहीं है और यह महाराष्ट्र के लिए स्वीकार्य नहीं है।