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Last Modified: सोमवार, 19 दिसंबर 2016 (15:31 IST)

पंपोर के शहीद सौरभ फराटे का अंतिम संस्कार

पंपोर के शहीद सौरभ फराटे का अंतिम संस्कार - Pampore, martyr Saurabh Frate, Indian Army
पुणे। पंपोर में शहीद हुए सौरभ फराटे के अंतिम संस्कार में सोमवार को यहां हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। शनिवार को पंपोर हमले में शहीद होने वाले गनर सौरभ फराटे के पार्थिव शरीर का सोमवार को यहां उनके पैतृक स्थान फुरसुंगी में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। पुणे से संसद सदस्य अनिल शिरोले समेत अनेक स्थानीय नेताओं ने यहां शहीद को अंतिम श्रद्धांजलि दी।
 
सौरभ की अंतिम यात्रा 'सौरभ फराटे अमर रहे' और 'जब तक सूरज-चांद रहेगा, सौरभ तेरा नाम रहेगा' के नारों की गूंज के बीच उनके निवास से शुरू की गई। 33 वर्षीय सौरभ पिछले 13 साल से भारतीय सेना में गनर के रूप में तैनात थे। उनके बाद उनके परिवार में सौरभ के माता-पिता, पत्नी, 2 जुड़वां बेटियां और 1 भाई बचे हैं। उनका भाई भी भारतीय सेना में कार्यरत है।
 
सौरभ के पिता नंदकुमार फराटे के मुताबिक उनका पुत्र अक्टूबर में अपनी 2 जुड़वां बेटियों का पहला जन्म दिवस मनाने के लिए 2 माह की छुट्टी पर घर आया था। इसके बाद वह दिसंबर में चला गया। उन्होंने बताया कि शनिवार की सुबह ड्यूटी पर जाने से पहले सौरभ ने टेलीफोन पर अपने परिजनों से बात की थी।
 
सौरभ के शोक-संतप्त पिता ने कहा कि शनिवार को मुझे उसकी यूनिट से फोन आया। दूसरी ओर से फोन करने वाले व्यक्ति ने मुझे आधी-अधूरी बात बताई और केवल यही कहा कि सौरभ को गोली लग गई है। 
 
उन्होंने बताया कि इसके बाद मैंने अपने छोटे बेटे रोहित को फोन किया। वह भी सेना में काम करता है और जम्मू में तैनात है। मैंने उसे इस फोन के बारे में बताया। बाद में उसने ही हमें सौरभ के शहीद होने के बारे में सूचना दी। 
 
उल्लेखनीय है कि शनिवार को श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंपोर के सैन्य काफिले पर हुए आतंकी हमले में 3 सैनिकों की मौत हो गई थी। (भाषा)
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