दिल्ली हाईकोर्ट ने दी अनोखी सजा, छेड़छाड़ के आरोपियों को दिया 150 पौधे लगाने का निर्देश
Delhi High Courts Instruction : दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने एक महिला रिश्तेदार से छेड़छाड़ और उसे चोट पहुंचाने के आरोपी एक व्यक्ति और उसके 2 बेटों के खिलाफ प्राथमिकी यह कहते हुए रद्द कर दी कि परिवारों ने आपसी सहमति से विवाद हल कर लिया है। अदालत (Court) ने प्रत्येक आरोपी को नीम के 50 पौधे लगाने का निर्देश भी दिया है।
अदालत ने पक्षकारों से बातचीत करने के बाद कहा कि उन्होंने पुष्टि की है कि मामलों को बिना किसी धमकी, दबाव या जबरदस्ती के, आपसी सहमति से सुलझा लिया गया और उन्हें प्राथमिकी रद्द किए जाने पर कोई आपत्ति नहीं है। उनके बीच विवाद पारिवारिक मुद्दों को लेकर शुरू हुआ था।
न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदिरत्ता ने कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर करते हुए याचिकाकर्ताओं पर जुर्माना लगाने के बजाए उन्हें सक्षम प्राधिकरण से संपर्क करने के बाद छावला पुलिस थाना क्षेत्र में 3 फुट की ऊंचाई तक के नीम के 50-50 पौधे लगाने का निर्देश दिया जाता है। उन्होंने कहा कि पौधे लगाने के निर्देशों का अनुपालन न करने पर याचिकाकर्ता पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा।
उच्च न्यायालय आरोपी और उसके 2 बेटों के खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध करने वाली उनकी याचिका पर सुनवाई कर रहा था। यह प्राथमिकी 2015 में छेड़छाड़, चोट पहुंचाने और चोरी समेत विभिन्न कथित अपराधों के लिए दर्ज की गई थी।
शिकायतकर्ता महिला ने आरोप लगाया था कि उक्त व्यक्ति और उसके 2 बेटों ने उसके पति तथा एक रिश्तेदार से मारपीट की और उसकी गरिमा भंग कर उससे भी दुर्व्यवहार किया था। महिला और आरोपी आपस में रिश्तेदार हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि उनके बीच पारिवारिक मुद्दों को लेकर विवाद पैदा हुआ जिसे मध्यस्थता के जरिए सुलझा लिया गया और याचिकाकर्ताओं में से एक की पत्नी ने भी शिकायतकर्ता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है जिसे उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है।
प्राथमिकी रद्द करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि दोनों पक्ष अदालती कार्यवाही को बंद करना चाहते हैं और समझौता उनके बीच सद्भाव को बढ़ावा देगा तथा उन्हें जीवन में आगे बढ़ने में मदद करेगा।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta