शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Not a sensation, everything that is happening in the country is also news: Information Broadcasting Minister Prakash Javadekar
Written By
Last Modified: सोमवार, 23 नवंबर 2020 (15:15 IST)

सनसनी नहीं, देश में जो कुछ अच्छा हो रहा है वह भी खबर है: प्रकाश जावड़ेकर

आईआईएमसी के 2020-21 शैक्षणिक सत्र का शुभारंभ

सनसनी नहीं, देश में जो कुछ अच्छा हो रहा है वह भी खबर है: प्रकाश जावड़ेकर - Not a sensation, everything that is happening in the country is also news: Information Broadcasting Minister Prakash Javadekar
नई दिल्ली।भारतीय जनसंचार संस्थान के शैक्षणिक सत्र 2020-21 का सोमवार को ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पत्रकारिता के छात्रों को सलाह दी कि वे अनावश्यक सनसनी और टीआरपी केंद्रित पत्रकारिता के जाल में फंसने की बजाय, स्वस्थ पत्रकारिता के गुर सीखें और समाज में जो कुछ अच्छा काम हो रहा है उसे भी समाचार मानकर लोगों तक पहुंचाएं। 

कार्यक्रम में जावड़ेकर ने कहा कि पत्रकारिता एक जिम्मेदारी है, दुरुपयोग का साधन नहीं। आपकी स्टोरी में यदि दम है, तो उसके लिए किसी नाटक अथवा सनसनी की जरुरत नहीं है। समाज में अच्छी खबरें इतनी हैं, परन्तु दुर्भाग्य से उन्हें कोई दिखाता नहीं है। रचनात्मक पत्रकारिता को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि जब से सरकार ने खाद की नीम कोटिंग शुरू की, तब से खाद की कालाबाजारी रुकी है। रेलवे का कोई गेट अब ‘अनमैन’ नहीं रहा, इसलिए दुर्घटनाएं बंद हो गई हैं। स्वच्छता की दृष्टि से भी रेलवे में बहुत सुधार हुआ है। पांच हजार रेलवे स्टेशन आज वाई-फाई से जुड़े हैं। करीब 100 नए एयरपोर्ट देश में शुरू हुए हैं, जिनका लाभ लाखों लोग ले रहे हैं। क्या ये सभी खबरें नहीं हैं? 
करीब दो लाख गांवों तक फाइबर कनेक्टिविटी पहुंची है, जिससे वहां के जीवन में बदलाव आया है। फ्री डिश के माध्यम से अब 104 चैनल और 50 एजुकेशनल चैनल निशुल्क देखे जा सकते हैं। देश में 300 कम्युनिटी रेडियो स्टेशन चल रहे हैं। कभी जाकर देखिए इनसे कितने स्थानीय कलाकारों को अवसर मिल रहा है और उनसे समाज जीवन में कैसा बदलाव आया है। ढाई करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में मकान मिले हैं, बारह करोड़ लोगों को टॉयलेट्स मिले हैं, उज्ज्वला योजना में गैस कनेक्शन मिले हैं, चालीस करोड़ लोगों के बैंक खाते खुले हैं, पचास करोड़ लोगों को पांच लाख रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मिली है। क्या ये सब खबरें नहीं हैं? 

जावड़ेकर ने कहा कि पत्रकारिता का पहला मंत्र यह है कि जीवन के सभी क्षेत्रों में लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाली सारी घटनाएं खबर हैं, जो ठीक से लोगों तक पहुंचानी हैं। मीडिया की आजादी लोकतंत्र का महत्वपूर्ण आयाम है। इसे संभालकर रखना है। परंतु यह आजादी जिम्मेदारी के साथ आती है। इसलिए हम सभी को जिम्मेदार भी होना है। पत्रकार के रूप में आप सभी पक्ष—विपक्ष को सुनें, परंतु समाज को अच्छी दिशा में ले जाने के लिए ही हमारी पत्रकारिता काम करे। टीआरपी रेटिंग को ध्यान में रखकर जो पत्रकारिता हो रही है, वह सही रास्ता नहीं है। 50 हजार घरों में लगा मीटर 22 करोड़ दर्शकों की राय नहीं हो सकता। हम इसका दायरा बढाएंगे, ताकि इस बात का पता चल सके कि सही मायने में लोग क्या देखते हैं और क्या देखना चाहते हैं। 
इस अवसर पर आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि एक शिक्षक के लिए उसके विद्यार्थियों से प्रिय कोई चीज नहीं होती। विद्यार्थियों की सफलता ही किसी संस्थान, उसके शिक्षकों और उसके प्रबंधकों की सफलता है। हमारी पूरी कोशिश है कि हम विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान कर सकें।  
 
प्रो.द्विवेदी ने कहा कि हम चाहते हैं कि दुनिया के सफलतम लोगों से हमारे विद्यार्थी संवाद कर पाएं। उनसे वह गुण और जिजीविषा सीख पाएं, जिससे कोई भी व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में नेतृत्वकारी भूमिका में आता है। सिर्फ पत्रकार तैयार करना हमारा लक्ष्य नहीं है, हम चाहते हैं कि हम ग्लोबल लीडर्स पैदा करें, जो आने वाले दस वर्षों में पत्रकारिता और जनसंचार की दुनिया में सबसे बड़े और वैश्विक स्तर के नाम बनें।
 
ये भी पढ़ें
ट्रंप की भारत यात्रा के समय उमर खालिद ने रची थी दिल्ली में दंगों की साजिश, आरो‍प पत्र दाखिल