बंगाल हिंसा पर NHRC की आई रिपोर्ट, ममता ने कहा 'यूपी क्यों नहीं भेजा जाता कमीशन'
कोलकाता बंगाल विधानसभा चुनावों के बाद राज्य के कई इलाकों में जमकर हिंसा हुई। सैंकड़ो की संख्या में लोग पलायन करने पर मजबूर हो गए। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) की टीम ने हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट कोलकाता हाईकोर्ट को सौंप दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि, राज्य चुनाव के बाद हिंसक घटनाओं में पीड़ितों की दुर्दशा के प्रति राज्य सरकार की भयावह उदासीनता को दर्शाता है।
हालांकि, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मानवाधिकार आयोई की रिपोर्ट को खारिच कर दिया है। रिपोर्ट को नकारते हुए उन्होंने कहा कि, उन्हें मालूम है कि रिपोर्ट बनाने वाले कौन हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था बदतर है। वहां क्यों नहीं कमीशन भेजा जाता। ममता बनर्जी ने इसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जोरदार हमला बोला है।
कोलकाता में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में बंगाल सीएम ने कहा, 'पीएम मोदी अच्छी तरह जानते हैं कि यूपी में कानून का राज नहीं है। उन्होंने वहां जांच करने के लिए कितने कमीशन भेजे हैं? हाथरस से लेकर उन्नाव तक कई घटनाएं हो चुकी हैं। पत्रकारों को भी नहीं बख्शा गया। वे बंगाल को बदनाम करते हैं। बंगाल में सबसे ज्यादा हिंसा चुनाव से पहले हुई थीं।'
सूत्रों का मानना है कि, आयोग ने 3000 मामलों में से लगभग 1000 मामलों के आधार पर रिपोर्ट बनाई गई है। आयोग की अलग-अलग सदस्यों वाली टीमों ने राज्य के विभिन्न इलाकों में हिंसा पीड़ितों से मुलाकात की थी। रिपोर्ट में सदस्यों के साथ मारपीट, हमला और यहां तक कि परेशान किए जाने के उदहारण का उल्लेख किया गया है, लेकिन इस दौरान स्थानीय पुलिस मूकदर्शक बनी रही थी।
ममता बनर्जी ने NHRC की रिपोर्ट को खारिच कर दिया है। उन्होंने इस रिपोर्ट को न्यायालय के विचाराधीन मामला बताते हुए इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। साथ ही भाजपा पर अदालत के कोई टिप्पणी देने से पहले ही रिपोर्ट बनाने के लिए बीजेपी पर निशाना साधा।