एलओसी पर हाईअलर्ट, सीमापार से हमलों की आशंका
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर नियंत्रण रेखा पर हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, जम्मू कश्मीर में कई शीर्ष आतंकी और फिदायीन समूह घुसपैठ की कोशिश में हैं, जिसके चलते यहां अलर्ट जारी किया गया है।
इससे पहले पिछले हफ्ते एलओसी के कई इलाकों में सेना ने कई आतंकियों को मार गिराया था। यहां बड़ी संख्या में हथियारों से लैस आतंकी सीमा पार करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन समय रहते सुरक्षबलों को इनकी भनक लग गई। इसके बाद सेना ने अपनी घेराबंदी मजबूत कर दी और दोनों तरफ से कई घंटों तक भारी फायरिंग होती रही।
पिछले कुछ दिनों से पाक सेना द्वारा बार-बार संघर्ष विराम के उल्लंघन की आड़ में घुसपैठ के प्रयास के साथ-साथ भारतीय सेना का ध्यान भटकाना भी माना जा रहा है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना व पाक की बार्डर एक्शन टीम (बैट) हमले की योजना बना रही है।
इस बीच अब जबकि एलओसी पर बर्फ पिघलने लगी है, घुसपैठ का खतरा भयानक रूप से मंडराने लगा है। अधिकारियों ने इसे माना है कि कश्मीर के कई सेक्टरों से करीब पांच दर्जन आतंकी पिछले दिनों घुसने में कामयाब रहे थे और उनके खात्मे के लिए सेना बहुत बड़े अभियान को भी छेड़ चुकी है। हालांकि कश्मीर की घुसपैठ के बाद आरंभ हुई सैनिक कार्रवाई की सच्चाई यह है कि सेना अभी तक इन आतंकियों को खोज नहीं पाई है।
रक्षाधिकारियों के बकौल, ऐसी कोई घटना पुनः न हो इसके लिए बर्फ के पिघलने से पहले ही पारंपरिक घुसपैठ के रास्तों पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात कर देना जरूरी है। कितने अतिरिक्त सैनिकों को एलओसी और बार्डर पर भेजा गया है, कोई आंकड़ा सरकारी तौर पर मुहैया नहीं करवाया गया है, पर सूत्र कहते हैं कि ये संख्या हजारों में है।
इतना जरूर है कि सेना को एलओसी पर घुसपैठ तथा कश्मीर के भीतर आंतरिक आतंकवाद विरोधी अभियानों के दोहरे मोर्चे पर जूझने के लिए अब सेना सैनिकों की कमी इसलिए महसूस कर रही है क्योंकि उसकी सूचनाएं कहती हैं कि आतंकवादी एकसाथ दोहरा मोर्चा खोल सेना के लिए मुसीबतें पैदा कर सकते हैं। और इसकी खातिर सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों में जुटे हुए सैनिकों को भी हटाकर एलओसी पर भेजने की मजूबरी के दौर से गुजरना पड़ रहा है।