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  4. Even after 45 hours, 8 lives are still trapped in the tunnel, this is why the rescue operation is stuck
Last Updated : सोमवार, 24 फ़रवरी 2025 (11:31 IST)

45 घंटे, मलबा, अंधेरा और 8 जिंदगियों का संघर्ष, क्यों बीच में अटक गया तेलंगाना रेस्क्यू?

telangana tunnel
45 घंटे और 8 जिंदगियां। रेस्क्यू रुका और अब भी इतने घंटों से ये जिंदगियां मौत से जंग लड रही हैं। मामला है तेलंगाना का। जहां सुरंग में आठ लोग फंसे हैं। दरअसल, तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में श्रीसैलम सुरंग नहर परियोजना (SLBC) का निर्माणाधीन हिस्सा ढह जाने के कारण 8 श्रमिक अंदर ही फंसे हुए हैं। सुरंग में फंसे श्रमिकों के रेस्क्यू के लिए NDRF के साथ सेना भी जुटी है। श्रमिक करीब 14 किलोमीटर अंदर मौजूद हैं।
45 घंटे से फंसे हैं मजदूर : टनल में मजदूरों के फंसे होने के 45 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर एजेंसियां हर तरीका आजमा रही हैं। तमाम कोशिशों के बाद भी अभी सफलता नहीं मिल पाई है। सुरंग के आखिरी 200 मीटर के हिस्से में पानी और कीचड़ भर गया है, जिससे बचाव दल को वहां तक पहुंचने में भारी कठिनाइयां हो रही है। सुरंग के अंदर भारी मशीनरी को ले जाना संभव नहीं है। इसलिए अन्य तरीकों से मलबा हटाने की कोशिश की जा रही है। बचावकर्मी मलबे में से गुजरने के लिए रबर ट्यूब और लकड़ी के तख्तों का उपयोग कर रहे हैं।
138 सदस्यों की टीम कर रही है रेस्क्यू : बचाव अभियान की निगरानी कर रहे नागरकुरनूल के जिलाधिकारी बी. संतोष ने कहा, 'राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की चार टीमें लगी हैं। जिनमें 1 हैदराबाद से और 3 विजयवाड़ा से हैं, जिनमें 138 सदस्य हैं। इसके अलावा सेना के 24 कर्मी, एसडीआरएफ के कर्मी, एससीसीएल के 23 सदस्य उपकरणों के साथ बचाव अभियान में लगे हुए हैं। एनडीआरएफ के एक अधिकारी ने एक टीवी चैनल को बताया, 'एक टीम कल रात सुरंग के अंदर गई थी। वहां बहुत सारा मलबा है और सुरंग खोदने वाली मशीन (टीबीएम) भी क्षतिग्रस्त है और उसके हिस्से अंदर बिखरे पड़े हैं'
क्या कहा मंत्री ने : मजदूरों के बचने की संभावना को लेकर मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा, 'हम कुछ नहीं कह सकते। हमें उम्मीद है, लेकिन जो घटना हुई वह बहुत गंभीर थी। बचने की संभावना के बारे में हम भविष्यवाणी नहीं कर सकते, संभावनाएं उतनी अच्छी नहीं हैं। प्रदेश सरकार की तरफ से जारी वीडियो में बचावकर्मी मिट्टी की मोटी परतों, लोहे की उलझी हुई छड़ों और सीमेंट के बीच से गुजरते नजर आ रहे हैं। मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि शनिवार की सुबह जब सुरंग का हिस्सा ढहा तब लगभग 70 लोग सुरंग में काम कर रहे थे और उनमें से अधिकतर बच निकलने में सफल रहे। सुरंग में फंसे लोगों की पहचान यूपी के मनोज कुमार और श्रीनिवास, जम्मू-कश्मीर के सन्नी सिंह, पंजाब के गुरप्रीत सिंह और झारखंड के संदीप साहू, जगता जेस, संतोष साहू और अनुज साहू के रूप में हुई है।
मजदूरों के बचने की कितनी संभावना: भारतीय सेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों की कड़ी मेहनत के बावजूद, एसएलबीसी परियोजना में सुरंग के अंदर फंसे आठ लोगों को निकालने के बचाव अभियान में रविवार को कोई सफलता नहीं मिली। प्रदेश के मंत्री जे. कृष्ण राव ने संवाददाताओं से कहा कि इन परिस्थितियों में बचने की संभावना बहुत अच्छी नहीं है।

सुरंग का आखिरी 200 मी. हिस्सा गाद से भरा: तेलंगाना के मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि शनिवार सुबह करीब 70 लोग सुरंग में काम कर रहे थे। हादसे के बाद ज्यादातर लोग बाहर निकल आए, लेकिन 8 लोग अभी तक लापता हैं। उन्होंने बताया कि सुरंग का आखिरी 200 मीटर हिस्सा पानी और कीचड़ से भर गया है, जिससे बचाव दल को वहां तक पहुंचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
Edited By: Navin Rangiyal
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