केन्द्र में नहीं चला 75 पार का फार्मूला
पिछले दिनों मध्यप्रदेश मंत्रिमंडल फेरबदल के समय उम्रदराज मंत्रियों- बाबूलाल गौर और सरताजसिंह की छुट्टी के बाद कहा गया था कि 75 वर्ष से ऊपर के विधायकों को मंत्रिमंडल में नहीं रखा जाएगा। तब कहा यह भी गया था कि यही फार्मूला केन्द्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल के समय भी अपनाया जाएगा।
मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल से पहले चर्चाएं गर्म थीं कि नजमा हेपतुल्ला और कलराज मिश्र को मंत्रिमंडल से विदा किया जा सकता है। मगर दोनों ही बच गए। इससे यह भी जाहिर हुआ है कि भाजपा की कथनी और करनी में कितना अंतर है।
माना जा रहा है कि केन्द्र में इस फार्मूले को अपनाय जा सकता था, लेकिन अगले वर्ष होने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव को ध्यान में रखते हुए मोदी कलराज को हटाने की रिस्क नहीं ले पाए। हालांकि यह कहा जा रहा है कि उनका कद कम किया जा सकता है। दूसरी ओर अल्पसंख्यक होने के नाते नजमा हेपतुल्ला को भी जीवनदान मिल गया।
दूसरी ओर मंत्री तय सीमा से ज्यादा न हो जाएं इसलिए निहालचंद मेघवाल, सांवरलाल जाट, मनसुख वसावा, रामशंकर कठेरिया, मोहन कुंडारिया, जीएम सिद्धेश्वरा से इस्तीफा ले लिया गया है।