नई दिल्ली। गुजरात और राजस्थान में मौसमी बारिश की शुरुआत के साथ दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे देश में पहुंच गया है। असम और बिहार में जहां बाढ़ जैसे हालात हैं। वहीं, दिल्ली, गुजरात, मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई हिस्सों में काफी बारिश हुई है। दिल्ली और मुंबई में भारी बारिश के चलते कई स्थानों पर ट्रैफिक जाम हुआ।
मौसम विभाग ने कहा कि 8 जुलाई की सामान्य तिथि से 6 दिन पहले शनिवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे देश में दस्तक दे चुका है। एक जून की सामान्य तिथि से तीन दिन पहले 29 मई को दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत केरल में हुई थी।
हालांकि, कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के लिए अहम दक्षिण-पश्चिम मानसून की प्रगति सुस्त रही है और देश में बारिश में 8 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में मानसून रफ्तार पकड़ेगा और जुलाई में देश में अच्छी बारिश होगी।
गुजरात में भारी बारिश : गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश से जनजीवन ठप हो गया और सूरत, बनासकांठा तथा आणंद जिलों के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। सूरत के पलसाणा तालुक में शनिवार सुबह तक 209 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
अधिकारियों ने बताया कि बोरसड तालुक के कुछ गांवों में बृहस्पतिवार को भारी बारिश के कारण बाढ़ आने के बाद जिला प्रशासन द्वारा तैनात एनडीआरएफ के एक दल ने आणंद जिले में बारिश से प्रभावित गांवों में 380 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया। शनिवार को सुबह 6 बजे तक बीते 24 घंटों के दौरान दक्षिण गुजरात के कुछ हिस्सों और उत्तरी गुजरात के बनासकांठा में भारी बारिश से कई इलाके जलमग्न हो गए।
सरकार के राज्य आपात ऑपरेशन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, बारिश से सूरत शहर भी प्रभावित हुआ है। जिले के पलसाणा तालुक में सबसे अधिक 209 मिमी बारिश दर्ज की गई। सूरत जिले के अन्य तालुकों बारडोली (125 मिमी़), उल्पड (118 मिमी़) और चोरयासी 117 मिमी बारिश दर्ज की गई।
बनासकांठा में भारी बारिश : एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार, दक्षिण गुजरात के नवसारी, तापी और वलसाड़ जिलों के अलावा उत्तर गुजरात के बनासकांठा में भी भारी बारिश हुई, खासतौर से देवदर (190 मिमी़), दीसा (120 मिमी) और अमीरगढ़ (120 मिमी) में बारिश हुई। दीसा शहर के निचले इलाकों में कई दुकानें जलमग्न हो गईं। सड़कों और अंडरपास में जलभराव हो गया, जिससे यातायात बाधित हो गया। सूरत शहर के निचले इलाकों में यही हाल है।
आणंद जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा कि बोरसड तालुक में दो गांवों के कुल 380 लोगों को निचले इलाकों में बाढ़ आने के कारण सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया। इलाके में बारिश रुक गयी है और जल स्तर कम हुआ है, लेकिन करीब 140 लोग अब भी घर नहीं लौट पाए हैं।
एनडीआरएफ का दल जिले के सिस्वा गांव में भारी बारिश में बह गए एक व्यक्ति की तलाश कर रहा है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है। एसईओसी ने कहा कि गुजरात में कुल 251 तालुकों में से करीब 176 में बारिश हुई और उनमें से 39 तालुक में शनिवार सुबह तक 24 घंटों के दौरान 50 मिमी बारिश हुई।
राजस्थान में भी बारिश का दौर जारी : राजस्थान के अधिकतर हिस्सों में बारिश का दौर शुक्रवार को भी जारी रहा। राजसमंद के कुंवारिया थाना क्षेत्र में शुक्रवार को आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि कुरज रोड पर बारिश से बचने के लिये चाय की टपरी पर रुके कालूराम (27) और कांतिलाल (38) की आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए।
जयपुर मौसम केन्द्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि पिछले 24 घंटों में झुंझुनूं, जयपुर, सीकर, अलवर, बारां, कोटा, चूरू, हनुमानगढ़ व बीकानेर जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश व एक-दो स्थानों पर अति भारी बारिश दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि इस दौरान पूर्वी राजस्थान में सर्वाधिक बारिश खेतड़ी, झुंझुनूं में 96 मिमी जबकि पश्चिमी राजस्थान के राजगढ़, चूरू में 117 मिमी दर्ज की गई है।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम साढ़े 5 बजे तक अजमेर में 112.6 मिलीमीटर, भीलवाड़ा में 79.8 मिलीमीटर, अलवर में 41.4 मिलीमीटर, कोटा में 34.8 मिलीमीटर, वनस्थली में 31 मिलीमीटर, जोधपुर में 17.8 मिलीमीटर, सीकर में 8 मिलीमीटर जयपुर में 6.7 मिलीमीटर, पिलानी में 6.1 मिलीमीटर, श्रीगंगानगर में 3.4 मिलीमीटर, चूरू में 3 मिलीमीटर, और बीकानेर में दो मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।