रविवार, 1 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Modi in Argentina
Written By
Last Modified: ब्यूनस आयर्स , शनिवार, 1 दिसंबर 2018 (20:26 IST)

मोदी ने की ट्रंप, आबे तथा पुतिन, जिनपिंग से त्रिपक्षीय बैठकें

मोदी ने की ट्रंप, आबे तथा पुतिन, जिनपिंग से त्रिपक्षीय बैठकें - Modi in Argentina
ब्यूनस आयर्स। अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में जी-20 शिखर सम्मेलन से इतर भारत ने जापान एवं अमेरिका तथा चीन एवं रूस के साथ दो अलग-अलग त्रिपक्षीय बैठकों में भाग लिया और वैश्विक आर्थिक प्रगति में आए गतिरोध को दूर करने के बारे में इन देशों के नेताओं के साथ विचार मंथन किया।
 
गत 12 वर्षों में पहली बार हुई रूस, भारत, चीन (आरआईसी) की त्रिपक्षीय शिखर बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन तथा चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग मिले और वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता लाने तथा दुनिया में शांति एवं समृद्धि कायम करने के बारे में बातचीत की। इससे पहले तीनों देशों के बीच 2006 में बैठक हुई थी।
 
विदेश सचिव विजय गोखले ने तीनों नेताओं की बैठक के बाद इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'तीनों नेताओं के बीच बहुत सकारात्मक तथा गर्मजोशी के साथ बैठक हुई। तीनों नेता इस बात पर सहमत हुए कि वैश्विक शांति और समृद्धि में योगदान देने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग करना उनके लिए महत्वपूर्ण है। इस दौरान तीनों नेताओं द्वारा व्यक्त की गई भावना और विचार बहुत समान थे।'
 
उन्होंने कहा, 'तीनों नेताओं ने वैश्विक स्तर पर आर्थिक क्षेत्र में मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की तथा इस बात पर सहमत हुए कि साथ मिलकर क्षेत्रीय संकट के निदान के लिए शांति और स्थिरता को बढ़ाने का काम कर सकते हैं।'
 
विदेश सचिव ने कहा कि तीनों नेता इस बात पर भी सहमत हुए कि वे आपदा के समय में साथ मिलकर काम करेंगे तथा किसी देश की भावना के खिलाफ काम नहीं करेंगे, लेकिन यह इस बात पर आधारित होना चाहिए कि तीनों देश विश्व की भलाई के लिए अपनी भूमिका का निर्वाह कैसे कर सकते हैं।
 
उन्होंने कहा कि तीनों नेताओं ने यह महसूस किया कि बैठक लाभदायक है और अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों से इतर इस तरह की बैठक होनी चाहिए।
 
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन भाषण में कहा कि हमारा उद्देश्य सतत विकास है। उन्होंने कहा कि ऐसे अंतरराष्ट्रीय वातावरण में अच्छी बात यह है कि दुनिया की एक तिहाई आबादी वाले देश भारत, रूस तथा चीन को एक साथ आना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि तीनों देशों की यह जिम्मेदारी है कि वे बहुपक्षीय संस्थाओं को मजबूत करने तथा अंतरराष्ट्रीय राजनीति के सिद्धांतों के सम्मान को सुनिश्चित करें। यह बैठक 12 साल बाद हो रही है। इसलिए मैं रूसी नेता पुतिन को धन्यवाद देता है, जिन्होंने इस सिलसिले को फिर से शुरू करने की पहल की है।
 
मोदी ने कहा कि तीनों देशों को चार प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए। पहला क्षेत्रीय तथा वैश्विक स्थिरता, आर्थिक सौहार्द, परस्पर लाभ के लिए अपने अनुभवों को साझा करना तथा नई चुनौतियों से निपटने के लिए तत्पर रहना।
 
इससे पहले मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ भी बैठक की और वैश्विक एवं बहुपक्षीय मुद्दों के साथ-साथ हिन्द प्रशांत क्षेत्र में शांति, नौवहन की स्वतंत्रता एवं नियम आधारित व्यवस्था स्थापित किए जाने के बारे में विचार विमर्श किया।
 
तीनों नेताओं ने माना कि समान आर्थिक प्रगति के लिए हिन्द प्रशांत क्षेत्र में इस व्यवस्था को कायम करना जरूरी है। मोदी ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत समान मूल्यों के लिए लगातार काम करता रहेगा। (वार्ता)
ये भी पढ़ें
सिद्धू बोले, चौकीदार का कुत्ता भी चोर से मिल गया है