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Last Modified: सोमवार, 21 मई 2018 (10:48 IST)

मोदी सरकार का भारतीय सेवाओं में बड़ा बदलाव, फाउंडेशन कोर्स के बाद ही बन सकेंगे IAS, IPS

मोदी सरकार का भारतीय सेवाओं में बड़ा बदलाव, फाउंडेशन कोर्स के बाद ही बन सकेंगे IAS, IPS - Modi govt wants to change how civil service entrants are allocated IAS, IPS, IFS, IRS
नई दिल्ली। नरेन्द्र मोदी सरकार भारतीय सेवाओं के लिए के लिए सर्विस और स्टेट कैडर आवंटन की 70 साल पुरानी व्यवस्था बदलने जा रही है। पीएमओ के सुझाव के मुताबिक सिर्फ यूपीएससी परीक्षा की रैंकिग पर ही नहीं, बल्कि तीन महीने के फाउंडेशन कोर्स के बाद ही कैंडिडेट्स के कैडर और सर्विस क्षेत्र तय किए जाएं। 
 
अब यूपीएससी चयन और फिर तीन महीने के फाउंडेशन कोर्स की परीक्षा के आधार पर ही तय होगा कि कौन आईएएस बनेगा और कौन आईपीएस। इस फैसले का असर 24 तरह की सभी अखिल भारतीय सेवाओं पर पड़ेगा। इस फैसले से यूपीएससी टॉपर के लिए यह जरूरी नहीं कि उसे मनपसंद सर्विस IAS, IPS या IFS मिल जाए  कार्मिक मंत्रालय ने एक पत्र लिखकर सभी कैडर-नियंत्रण प्राधिकरण और मंत्रालयों से इस पर सुझाव मांगा है। 
 
अभी है यह व्यवस्था : पीएमओ के मुताबिक इससे कैंडिडेट का बेहतर मूल्यांकन हो सकेगा और उनके मुताबिक कैडर और सेवा दी जा सकेगी। फिलहाल सिविल सर्विस एग्जाम पास करने वाले अभ्यार्थियों के लिए आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, आईआरएस सहित कुछ 24 सेवा क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं। 
 
यूपीएससी परीक्षा में रैंक के आधार पर ये तय किया जाता है कि किसे कौन-सी सेवा दी जाएगी। यूपीएससी परीक्षा में चुने जाने के बाद सभी कैंडिडेट्स को तीन महीने का फाउंडेशन कोर्स कराया जाता है। अभी तक फाउंडेशन कोर्स शुरू होने से पहले ही कैडर और सेवा क्षेत्र तय कर दिए जाते हैं।

कैडर निर्धारित होने के बाद आईएसएस और आईएफएस अभ्यार्थियों को मसूरी के लालबहादुर शास्त्री नेशनल आकादमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में फाउंडेशन कोर्स कराया जाता है, वहीं अन्य लोगों को मसूरी, हैदराबाद और भोपाल भेजा जाता है।
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