मोदी सरकार की नजर ओबीसी मतों पर
नई दिल्ली। मोदी सरकार की कार्यविधि की जानकारी रखने वाले सूत्रों का कहना है कि अन्य पिछड़ा वर्ग को लुभाने के लिए सरकार जल्द ही कुछ नई घोषणाएं कर सकती है। इनके स्वरूप को लेकर मंत्रालय स्तर पर गंभीर विचार-विमर्श चल रहा है।
सरकार इन योजनाओं की घोषणा मार्च तक कर सकती है ताकि इन्हें अप्रैल से लागू किया जा सके। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को लेकर सरकार ने अपनी इस मंशा का खुलासा बजट घोषणा के दौरान ही कर दिया था। इसके तहत ओबीसी कल्याण की राशि में 41 फीसद की इजाफा किया गया था जो किसी भी विभाग की राशि में होने वाली औसत बढ़ोतरी से काफी ज्यादा है।
सूत्रों का कहना हैं कि इस कवायद के पीछे सरकार की नजर आने वाले चुनावों पर है। इनमें कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों के चुनाव इसी साल हैं। वहीं अगले साल आम चुनाव भी होने वाले हैं। ऐसे में सरकार की कोशिश है कि इस वर्ग को लुभाने के लिए कुछ नए कदम उठाए जाएं।
पिछले चुनावों में ओबीसी वर्ग ने जिस तरीके से भाजपा को समर्थन दिया है, उससे सरकार का उत्साह और भी बढ़ गया है। सरकार का मानना है कि वह इनके कल्याण के लिए कुछ नई योजनाओं की घोषणा कर उन्हें अपने वोट बैंक के तौर पर तैयार कर सकती है। ओबीसी को लुभाने के जो बड़े कदम उठाए जा सकते है, उनमें उन्हें रोजगार के लिए वित्तीय मदद देने जैसी योजना भी शामिल हो सकती है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता कल्याण मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2017-18 में ओबीसी कल्याण के लिए कुल 1237 करोड़ मिले थे। वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए इसे बढ़ाकर 1747 करोड़ रुपए कर दिया गया है। यह पिछले साल के मुकाबले 41 फीसदी से ज्यादा है। विदित हो कि सरकार पहले से ही ओबीसी के उप-वर्गीकरण को लेकर काम रही है और इसे भी राजनीतिक तौर पर एक बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है।