caste census : बिहार चुनाव से पहले मोदी सरकार का बड़ा दांव, कराएगी जाति जनगणना, वैष्णव बोले- कांग्रेस ने फायदे के लिए किया सर्वे
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बड़ा दांव चला। मोदी सरकार ने ऐलान किया है कि सरकार जनगणना के साथ जाति जनगणना करवाएगी। केन्द्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मूल जनगणना के साथ ही जाति जनगणना होगी। सरकार के ऐलान के बाद अब कांग्रेस नेता जाति जनगणना को लेकर प्रेस कॉन्फेंस करेंगे। भारत में प्रत्येक 10 साल में होने वाली जनगणना अप्रैल 2020 में शुरू होनी थी, लेकिन कोविड महामारी के कारण इसमें देरी हुई।
पहले पक्ष में नहीं थी भाजपा
पहले भाजपा जाति जनगणना के पक्ष में नहीं थी। एनडीए ने कांग्रेस समेत दूसरी विपक्षी पार्टियों पर आरोप लगाए थे कि ये जातिगत जनगणना के जरिए देश को बांटने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि बिहार में भाजपा ने ही जातिगत जनगणना का सपोर्ट किया था। बिहार ने अक्टूबर 2023 में जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी किए थे। ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बना था।
क्या कहा अश्विनी वैष्णव ने
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1947 से जाति जनगणना नहीं की गई। मनमोहन सिंह ने जाति जनगणना की बात कही थी। कांग्रेस ने जाति जनगणना की बात को केवल अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया है। जाति जनगणना केवल केंद्र का विषय है। कुछ राज्यों ने यह काम सुचारू रूप से किया है। हमारा सामाजिक ताना-बाना प्रभावित न हो, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं।
कैबिनेट में फैसला
सरकार ने बुधवार को फैसला किया कि आगामी जनगणना में जातिगत गणना को पारदर्शी तरीके से शामिल किया जाएगा। राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि जनगणना केंद्र के अधिकार क्षेत्र में आती है लेकिन कुछ राज्यों ने सर्वेक्षण के नाम पर जाति गणना की है।
वैष्णव ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों ने राजनीतिक कारणों से जाति आधारित सर्वेक्षण कराया गया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का संकल्प है कि आगामी अखिल भारतीय जनगणना प्रक्रिया में जातिगत गणना को पारदर्शी तरीके से शामिल किया जाएगा। Edited by: Sudhir Sharma