मणिपुर में भीड़ ने घरों में आग लगाई, सुरक्षा बलों की बसों को भी बनाया निशाना
Manipur Violence : मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। राज्य में म्यांमार से सटे मोरेह जिले में बुधवार को उपद्रवियों के एक समूह ने कई घरों में आग लगा दी। इसके कुछ ही देर पहले भीड़ ने कांगपोकपी जिले में सुरक्षा बलों की 2 बसों को आग के हवाले कर दिया।
बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों ने मणिपुर की पंजीकरण संख्या वाली बस को सपोरमीना में रोक लिया और कहा कि वे इस बात की जांच करेंगे कि बस में कहीं दूसरे समुदाय का कोई सदस्य तो नहीं है। इस बीच कुछ लोगों ने बसों में आग लगा दी।
इससे पहले काकचिंग जिले के सेरौ गांव में एक स्वतंत्रता सेनानी की 80 वर्षीय पत्नी को जिंदा जला दिया गया था। तृणमूल कांग्रेस नेता साकेत गोखले ने ट्वीट करते हुए इस मामले पर कड़ी नाराजगी जताई थी।
गौरतलब है कि मणिपुर हिंसा को लेकर इन दिनों देश की राजनीति गरमाई हुई है। विपक्ष इस मामले में प्रधानमंत्री से संसद में बयान देने की मांग कर रहा है। पीएम मोदी की चुप्पी से नाराज होकर कांग्रेस और बीआरएस लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव ला रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं।
राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
Edited by : Nrapendra Gupta