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Last Modified: इंफाल , सोमवार, 24 जुलाई 2023 (19:01 IST)

हिंसा के बीच मणिपुर से आई अच्‍छी खबर, खोंगसांग पहुंची पहली मालगाड़ी, कारोबारियों को होगी बड़ी सुविधा

The first goods train arrived at Manipur's Khongsang
Manipur News : मणिपुर के तामेनलोंग जिले के खोंगसांग रेलवे स्टेशन पर सोमवार को पहली मालगाड़ी गुवाहाटी से पहुंची। अधिकारियों ने कहा कि मणिपुर में मौजूदा कानून-व्यवस्था की स्थिति के कारण आवश्यक वस्तुओं की कमी को देखते हुए पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने राज्य के परिवहन विभाग के सहयोग से रविवार को हिंसा प्रभावित पूर्वोत्तर राज्य के लिए आवश्यक वस्तुओं से भरी पहली मालगाड़ी भेजी।
 
मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने ट्वीट में लिखा, खोंगसांग रेलवे स्टेशन पर आज पहली मालगाडी़ के महत्वपूर्ण आगमन को देखकर प्रसन्नता हुई। उन्होंने बताया कि इस विकास से मणिपुर के लोगों के लिए बहुत सारे अवसर पैदा होंगे और सामान एवं आवश्यक वस्तुओं की त्वरित ढुलाई सुलभ होगी।
 
मुख्यमंत्री ने कहा, सामान की निर्बाध ढुलाई निस्संदेह व्यापार को बढ़ाएगी और अंततः जीवन की समग्र गुणवत्ता में वृद्धि करेगी। इस महत्वपूर्ण पहल के माध्यम से राज्य की आर्थिक संभावनाओं को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभारी हूं।
 
खोंगसांग स्टेशन की 2022 में जिरीबाम-इम्फाल नई लाइन परियोजना के तहत शुरुआत की गई थी। राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद 3 मई को रेल सेवा स्थगित कर दी गई थी। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मणिपुर यात्रा के दौरान एक जून को बताया था कि कुछ ही दिनों में खोंगसांग में लोगों की आवाजाही और सामान की ढुलाई के लिए एक अस्थाई रेलवे स्टेशन का परिचालन आरंभ कर दिया जाएगा।
 
एनएफआर के प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी सब्यासाची डे ने कहा, मणिपुर स्थित कारोबारियों की सुविधा के लिए एक विपणन निरीक्षक को विशेष रूप से नियुक्त किया गया है जिससे वो आसानी से रेलवे के माध्यम से सामान बुक कर सकेंगे। विपणन निरीक्षक कारोबारियों की समस्याओं के लिए 24 घंटे मौजूद रहेगा।
 
जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, राज्य के लिए विशेष विचार के तहत फिलहाल मणिपुर के लिए डिब्बों को अलग-अलग बुक करने की अनुमति दी गई है। पहले से ही महाराष्ट्र से प्याज, पश्चिम बंगाल से आलू और असम से रोजमर्रा (एफएमसीजी) का सामान राज्य के लिए बुक किया जा चुका है।
 
उन्होंने बताया कि मौजूदा परिदृश्य में एनएफआर द्वारा की गई इस पहल से मणिपुर के लोगों को बड़ी मदद मिलने की उम्मीद है। मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
 
मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पर्वतीय जिलों में रहते हैं।
फोटो सौजन्‍य : टि्वटर
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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