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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 17 जनवरी 2023 (19:33 IST)

जेपी नड्डा लोकसभा चुनाव तक बने रहेंगे भाजपा अध्यक्ष, 18 महीने के 'अग्निपथ' पर कई चुनौतियों से होगा सामना

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के लिए 18 महीने का 'अग्निपथ"

जेपी नड्डा लोकसभा चुनाव तक बने रहेंगे भाजपा अध्यक्ष, 18 महीने के 'अग्निपथ' पर कई चुनौतियों से होगा सामना - Many challenges before BJP President JP Nadda
भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जेपी नड्डा को जून 2024 तक कार्यकाल विस्तार दे दिया गया। भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सर्वसम्मति से जेपी नड्डा को जून 2024 तक कार्यकाल विस्तार देने के राजनाथ सिंह के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। जेपी नड्डा के कार्यकाल विस्तार की जानकारी गृहमंत्री अमित शाह ने मीडिया को दी। अमित शाह ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और जेपी नड्डा के संगठनात्मक नेतृत्व में पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा फिर जीत हासिल करेगी। इसके साथ ही गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जेपी नड्डा के अध्यक्षीय कार्यकाल में पार्टी ने कई बड़ी उपलब्धि हासिल की है।   

भाजपा अध्यक्ष के तौर पर जगत प्रकाश नड्डा को जून-2024 तक मिला कार्यकाल विस्तार चुनौतियों से भरा होगा। नड्डा के नेतृत्व में ही भाजपा 2023 में 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ 2024 के लोकसभा चुनाव में उतरेगी। कार्यकाल विस्तार मिलने से पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में खुद जेपी नड्डा ने 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा का जिक्र करते हुए कहा कि अब कोई भी चुनाव हारना नहीं है। ऐसे  मेंं अब उनके सामने कई  चुनौतियां है। 

9 राज्यों के विधानसभा चुनाव जीतना बड़ी चुनौती-जेपी नड्डा को कार्यकाल विस्तार ऐसे समय मिल है जब इस साल 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। अगर 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की बात करे तो पांच बड़े राज्यों में कर्नाटक, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को विपक्ष से कड़ी चुनौती मिलने के आसार है।

नड्डा के नेतृत्व में भाजपा को ऐसे राज्यों में विधानसभा चुनाव का सामना करना पड़ेगा, जहां भाजपा के सामने कांग्रेस एक तगड़ी चुनौती देने की तैयारी में दिखाई दे रही है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ में जहां भाजपा वर्तमान में विपक्ष में है वहीं तेलंगाना में भाजपा विधानसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए पूरा जोर लगा रही है।

पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने सबसे बड़ी चुनौती राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में पार्टी को मजबूत करना और पार्टी को सत्ता में वापस लौटाना है। वहीं मध्यप्रदेश जैसे राज्य में भाजपा को और मजबूत बनाना है। 

दक्षिण के राज्यों में भगवा लहराना बड़ी चुनौती- 2024 के लोकसभा चुनाव में 2019 की जीत का रिकॉर्ड तोड़ने और हैट्रिक लगाने के लिए भाजपा ने दक्षिण के राज्यों पर फोकस कर दिया है। चुनावी रणनीतिकरों का मानना है कि दक्षिण भारत में भाजपा के लिए मौका-मौका ही है। दक्षिण भारत के पांच राज्यों आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलगांना, केरल और कर्नाटक में लोकसभा की कुल 129 सीटें है, यहीं कारण है कि भाजपा ने अब मिशन 2024 के लिए दक्षिण पर अपना फोकस कर दिया है। बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने दक्षिण के राज्यों में भाजपा संगठन को मजबूत करना बड़ा लक्ष्य होगा, जिससे लोकसभा में पार्टी अच्छा प्रदर्शन कर सके। 

दक्षिण के प्रमुख राज्य कर्नाटक में भाजपा वर्तमान में सत्ता में काबिज है और वहां अगले तीन महीनों में विधानसभा चुनाव होने है ऐसे में भाजपा एक बार सत्ता में लौटने का प्लान तैयार कर रही है। इसके साथ कर्नाटक के साथ भाजपा की नजर  तेलगांना पर भी टिकी है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने तेलंगाना में भाजपा ने 4 सीटों पर जीत हासिल कर सभी को चौंका दिया था।

2024 में 2019 का प्रदर्शन दोहराना बड़ी चुनौती-2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने अमित शाह की अध्यक्षता में ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। अब 2024 में नड्डा के सामने 2019 की जीत को दोहराना बड़ा टॉस्क होगा। देश में भाजपा संगठन को और मजबूत करना और खास दक्षिण के राज्यों में लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव नड्डा पर होगा। अमित शाह की अध्यक्षता में 2019  के लोकसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार केंद्र में सरकार बनाने के साथ ही भाजपा ने 300 का आंकड़ा भी पार कर लिया। ऐसे में अब बतौर अध्यक्ष जेपी नड्डा के सामने 2019 की चमत्कारिक सफलता को दोहरना किसी चुनौती से कम नही होगा।

गठबंधन के सहयोगियों का विश्वास जीतना-मिशन 2024 के लिए दक्षिण को फतह करने  के लिए भाजपा नए गठबंधन सहयोगियों की तलाश में है। बतौर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के  सामने अगले एक साल में सबसे बड़ी चुनौती एनडीए गठबंधन के वर्तमान सहयोगियों को एकजुट रखने के साथ नए सहयोगियों की तलाश करना भी है।
 
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