ममता के बंगाल में चल रहा था 'कट मनी' का खेल, सड़क से लेकर संसद तक मचा बवाल, जानिए पूरा मामला
टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुसीबतें बढ़ती जा रही है। 'कट मनी' को लेकर पश्चिम बंगाल की सड़कों पर ममता सरकार के खिलाफ रोजाना प्रदर्शन हो रहे हैं। कई टीमएसी नेताओं के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन भी हो रहे हैं।
भाजपा कोलकाता में ममता बनर्जी को घेर रही है वहीं अब संसद में यह मामला उठ चुका है। सरकार के खिलाफ होने वाले प्रदर्शन हिंसक होते जा रहे हैं। बर्धमान के कालना इलाके में गांववालों ने तृणमूल कांग्रेस के एक स्थानीय नेता की पिटाई कर दी।
इसके बाद नेता आम लोगों को कट मनी की रकम लौटा रहे हैं। लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार पर अंगुली उठाई थी। लोकसभा में इस मामले को उठाने वाले भाजपा सांसद सौमित्र खान ने इस पूरे मामले पर जांच की मांग की है कि मुख्यमंत्री और उनके परिवार के खाते में कितनी राशि गई है।
क्या होती है कटमनी : पश्चिम बंगाल में कट मनी का खेल सालों से चल रहा है। सरल शब्दों में कहें तो किसी योजना का लाभ दिलाने के लिए एक अनौपचारिक कमीशन है। सत्ताधारी नेताओं राज्य और केंद्र सरकार की योजना का लाभ दिलाने के लिए सालों से 'कट मनी' का यह खेल खेल रहे हैं।
इसे ऐसे समझा जा सकता है कि यदि सरकार किसी विशेष परियोजना के वित्तपोषण के लिए 100 रुपए जारी करती है, तो स्थानीय नेता, जो कई बार चुने गए प्रतिनिधि भी होते हैं, अनुदान प्राप्त करने के लिए कमीशन के रूप में 25 रुपए वसूल करते हैं। इस कमीशन को जमीनी नेता से लेकर बड़े नेता और मंत्री तक सभी के बीच बांटा जाता है।
आयकर से बचने के लिए नकदी में : कट मनी को आमतौर पर नकदी में लिया जाता है, ताकि आयकर विभाग की नजरों से बचा जा सके। चूंकि बड़ी-बड़ी परियोजनाओं की लागत बहुत ज्यादा होती है, इसलिए इनकी ‘कट मनी’ भी करोड़ों में बनती है। हाल ही में टीएमसी के बूथ अध्यक्ष त्रिलोचन मुखर्जी ने 2.25 लाख रुपए से अधिक की धनराशि लौटा दी, जो कि 141 मजदूरों से उनकी आठ दिन की मजदूरी से ली गई थी।
क्या सिर्फ सिर्फ बंगाल में ही है यह खेल : 'कट मनी' का यह खेल केवल टीएमसी या पश्चिम बंगाल तक सीमित नहीं है। पिछले वर्ष एक ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल रिपोर्ट में सामने आया था कि भारत में रिश्वत एक साल में 11 फीसद बढ़ी है। इसमें पंजाब, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के सरकारी अधिकारी सबसे भ्रष्ट निकलकर सामने आए हैं।
वर्षों से चल रहा है 'कट मनी' का खेल : माना जाता है कि 'कट मनी' का खेल पश्चिम बंगाल में वाम दल के शासन के समय से चला आ रहा है। विधानसभा में कई बार इस मुद्दे पर विपक्ष (कांग्रेस, वाम दल और भाजपा) ममता बनर्जी सरकार को घेर चुका है। पूरे पश्चिम बंगाल में कट मनी को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से रिफंड प्राप्त करने के लिए कट मनी लेने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने को कहा है।
ममता बनर्जी ने दी थी नेताओं को रकम लौटाने की चेतावनी : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पिछले दिनों कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कट मनी वापस करने या जेल जाने के लिए तैयार होने की चेतावनी दी थी। इस चेतावनी ने जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के बीच बहुत अधिक नाराजगी पैदा की है।