शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. समाचार
  3. राष्ट्रीय
  4. mamata banerje reaction on nrc assam
Written By
Last Updated : बुधवार, 1 अगस्त 2018 (10:19 IST)

ममता बनर्जी ने 'NRC' को बताया साजिश का नतीजा, बोलीं देश में छिड़ेगा 'गृहयुद्ध'

ममता बनर्जी ने 'NRC' को बताया साजिश का नतीजा, बोलीं देश में छिड़ेगा 'गृहयुद्ध' - mamata banerje reaction on nrc assam
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अगले आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराना बहुत जरूरी है क्योंकि वह असम की तरह अन्य राज्यों में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) बनाना चाहती है जिससे देश में गृहयुद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है।
 
ममता बनर्जी ने मंगलवार को यहां लव योर नेबर नामक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि भाजपा ने असम में इस रजिस्टर से 40 लाख लोगों को बाहर कर दिया। अब वह बंगाल, बिहार, राजस्थान, उत्तरप्रदेश एवं अन्य राज्य में ऐसे रजिस्टर से करोड़ों लोगों को बाहर कर देगी।
 
उन्होंने कहा कि भाजपा चुनाव जीतने के लिए यह हथकंडे अपना रही है क्योंकि वह बांग्लादेशियों के नाम पर लोगों  को बांटना चाहती है। उन्होंने कहा कि पहले भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश एक देश थे। 1971 तक जो भी भारत में रहा, वह उसका हिस्सा है क्योंकि उसके बाद ही बांग्लादेश बना, इसलिए उन्हें घुसपैठिया नहीं कहा जा सकता।
उन्होंने कहा कि अगर बिहार के लोग बंगालियों को और बंगाली बिहारियों को तथा दक्षिण के लोग उत्तर भारत के लोगों को न रहने दें तो देश में गृहयुद्ध की स्थिति बन जाएगी। तृणमूल नेता ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद के परिवार के लोगों का नाम इस रजिस्टर में नहीं हैं। यह देखकर उन्हें गहरा आश्चर्य हुआ। इसी तरह कई लोगों के नाम नहीं हैं। यह विशुद्ध चुनावी राजनीति है, इसलिए अगले चुनाव में भाजपा को हराना बहुत जरूरी है।
राजीव गांधी ने किए थे हस्ताक्षर : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मुझे दु:ख है कि भाजपा और बीजद के अलावा एक भी दल ने यह नहीं कहा कि देश में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है। कांग्रेस और उनके साथी, विशेषकर तृणमूल ऐसी तस्वीर बनाने की कोशिश कर रही हैं, जिससे लगे कि भाजपा अन्याय कर रही है। मैं कांग्रेस और तृणमूल से पूछना चाहता हूं कि बांग्लादेशी घुसपैठियों पर आप का रुख क्या है?
 
कांग्रेस-तृणमूल को देश के हित की नहीं, अपने वोट बैंक की चिंता है। मैं साफ कर दूं कि घुसपैठियों के मसले को लेकर असम में लंबे समय तक युवाओं ने एक आंदोलन छेड़ा था। सैकड़ों की जान गई थी। 1985 में असम समझौते पर तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने हस्ताक्षर किए थे। उस संधि की आत्मा एनआरसी है। एनआरसी बनाते समय कहा गया था कि घुसपैठियों को पहचानकर उन्हें मतदाता सूची से बाहर किया जाएगा। 

राजनाथ ने दिया आश्वासन, बेवजह नहीं करेंगे परेशान : ममता बनर्जी ने असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। सिंह ने उन्हें आश्वस्त किया कि यह पूरी प्रक्रिया कानून के अनुसार निष्पक्षता के साथ की जा रही है तथा किसी को बेवजह परेशान नहीं किया जाएगा। मुलाकात के बाद सिंह ने ट्वीट किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने एनआरसी के मुद्दे पर उनसे मुलाकात की।
 
गृह मंत्री ने ट्वीट किया कि हमने उन्हें आश्वस्त किया कि इस पूरी प्रक्रिया में किसी को भी परेशान नहीं किया जाएगा और हर चरण में सभी को अपनी बात रखने तथा आपत्ति और दावे दायर करने का मौका दिया जाएगा। यह मसौदा रजिस्टर उच्चतम न्यायालय की निगरानी में कानून के अनुसार बनाया गया है। यह पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और कानून के अनुसार पूरी की जा रही है तथा किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मसौदा रजिस्टर असम समझौते के प्रावधानों तथा केंद्र, राज्य सरकार और अखिल असम छात्र संगठन के बीच त्रिस्तरीय बैठक के निर्णयों के तहत प्रकाशित किया गया है।