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Last Updated : सोमवार, 22 मार्च 2021 (07:10 IST)

महाराष्ट्र ATS ने किया मनसुख हत्याकांड सुलझाने का दावा, 2 को किया गिरफ्‍तार

महाराष्ट्र ATS ने किया मनसुख हत्याकांड सुलझाने का दावा, 2 को किया गिरफ्‍तार - maharashtra ats claims to solve mansukh case
मुंबई। व्यवसायी मनसुख हिरन की कथित हत्या के मामले में महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने एक पुलिसकर्मी और एक सट्टेबाज को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता पाई है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी और बताया कि मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे ने अपराध में मुख्य भूमिका निभाई थी और वह मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आया है।

उन्होंने कहा कि शनिवार देर रात गिरफ्तार दोनों आरोपियों की पहचान पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और सट्टेबाज नरेश गौर के रूप में हुई है। अधिकारी ने दिन में सट्टेबाज का नाम नरेश धरे बताया था लेकिन बाद में उसका नाम नरेश गौर बताया गया।
 
उन्होंने बताया कि शिंदे 2006 के लाखन भैया फर्जी मुठभेड़ मामले का दोषी है और वह पिछले ही साल फर्लों पर जेल से रिहा हुआ था। उसके बाद से ही शिंदे वाजे के संपर्क में था। वाजे फिलहाल राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की हिरासत में है, जो उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के पास 25 फरवरी को विस्फोटक भरे वाहन मिलने के मामले की जांच कर रही है।
 
उक्त मामले में प्रयुक्त वाहन (एसयूवी, स्कॉर्पियो) मनसुख हिरन का था। हिरन का शव 5 मार्च को ठाणे में मिला। केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को हिरन हत्याकांड की जांच भी एनआईए को सौंप दी थी।
 
अधिकारी ने बताया कि हिरन हत्या कांड में सचिन वाजे मुख्य आरोपी है। उसने मुख्य भूमिका निभाई है। जांच के दौरान एटीएस को पता चला कि गौर ने एपीआई वाजे और शिंदे को अपराध के लिए पांच सिमकार्ड मुहैया कराए थे। शिंदे अवैध गतिविधियों में वाजे की मदद किया करता था।
 
उन्होंने कहा कि एटीएस जांच कर रही है कि क्या मामले में और लोग भी संलिप्त हैं और उनकी क्या भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि एटीएस जांच कर रही है कि मुख्य षड्यंत्रकारी (हिरन हत्याकांड में) कौन है।’’
 
उन्होंने कहा कि दोनों आरोपियों को मामले में पूछताछ के लिए शनिवार को एटीएस मुख्यालय बुलाया गया था, बाद में उन्हें गिरफ्तार किया गया। अधिकारी ने बताया कि राज्य एटीएस ने अभी तक कई लोगों से पूछताछ की है, जिनमें पुलिस अधिकारी और मृतक के परिजन शामिल हैं। इन दो लोगों की गिरफ्तारी इस मामले में महत्वपूर्ण प्रगति है। एटीएस ने हिरन हत्याकांड के संबंध में अज्ञात लोगों के खिलाफ भादंसं की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाने), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (साझा मंशा) के तहत मामला दर्ज किया है। इस बीच भाजपा ने कहा कि इस पूरे खेल में वाजे सिर्फ एक मोहरा हो सकता है।
 
डीआईजी ने लिखी पोस्ट : एटीएस के डीआइजी शिवदीप वामनराव लांडे ने अपनी फेसबुक पोस्ट में अपने एटीएस के साथियों को बधाई देते हुए लिखा कि अति संवेदनशील मनसुख हिरेन हत्या की गुत्थी सुलझ गई है। मैं अपने एटीएस पुलिस फोर्स के सभी साथियों को दिल से सैल्यूट करता हूं, जिन्होंने पिछले कई दिनों से रात-दिन एक करके इस केस में न्यायपूर्ण तरीके से परिणाम निकाला। ये केस मेरे पुलिस कैरियर का अब तक के सबसे जटिल केसों में से एक रहा है। शनिवार को एटीएस ने सचिन वाजे की भी रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने 25 मार्च के बाद वाजे को एटीएस की हिरासत में देने की बात कही है। फिलहाल वाजे एंटिलिया मामले में एनआईए की हिरासत में है।
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