Weather Updates: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार उत्तर भारत में धीरे-धीरे कड़ाके की ठंड भी बढ़ने लगेगी। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में नवंबर के बचे हुए दिनों में कोई मौसम गतिविधि नहीं होगी। 29 और 30 नवंबर को न्यूनतम तापमान में 1 से 2 डिग्री का इजाफा हो सकता है। दिल्ली एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बेहद खराब श्रेणी में दर्ज हुआ है।
दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और इसके आसपास के हिन्द महासागर में बना दबाव गहराकर गहरे दबाव में बदल सकता है। यह सिस्टम श्रीलंका और तमिलनाडु के तटीय इलाकों की ओर बढ़ेगा। उपहिमालयी पश्चिम बंगाल में एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है जिससे इस क्षेत्र में हल्की बारिश की संभावना बनी रहेगी। 29 नवंबर से पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र पर एक नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होगा। इससे उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा।
पिछले 24 घंटों की मौसमी हलचल : पिछले 24 घंटों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी बारिश दर्ज की गई। तमिलनाडु के तटीय इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ जगहों पर भारी बारिश दर्ज की गई। आंतरिक तमिलनाडु और दक्षिण केरल के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश हुई। दिल्ली और एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'बेहद खराब' श्रेणी में बना रहा।
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आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के अनुसार आज बुधवार, 27 नवंबर को तमिलनाडु और श्रीलंका के तटीय इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। तटीय आंध्रप्रदेश में हल्की बारिश हो सकती है। दिल्ली और एनसीआर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 'बेहद खराब' श्रेणी में बना रहेगा।
उत्तर भारत में धीरे-धीरे कड़ाके की ठंड भी बढ़ने लगेगी : दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में नवंबर के बचे हुए दिनों में कोई मौसम गतिविधि नहीं होगी। 29 और 30 नवंबर को न्यूनतम तापमान में 1 से 2 डिग्री का इजाफा हो सकता है। इस महीने दिल्ली के तापमान में भारी गिरावट की संभावना नहीं है। मौसम विभाग का अनुमान है कि दिसंबर के दूसरे हफ्ते से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान में पारा तेजी से गिर सकता है। इसी के साथ धीरे-धीरे कड़ाके की ठंड भी बढ़ने लगेगी।
तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, पुडुचेरी व केरल में तेज बारिश की संभावना : मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में 27-30 नवंबर के दौरान सुबह के समय घना कोहरा छाए रहने की संभावना है। पंजाब-हरियाणा में भी 27, 28 और 29 नवंबर को कोहरा देखने को मिलेगा, वहीं तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, पुडुचेरी व केरल में 28 नवंबर को तेज बारिश की संभावना है।
तमिलनाडु के कई हिस्सों में भारी बारिश : तमिलनाडु के कई इलाकों में मंगलवार को भारी बारिश (Heavy rain) होने के साथ ही भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव क्षेत्र और अधिक गहरे दबाव क्षेत्र में तब्दील हो गया है तथा 27 नवंबर को यह चक्रवात में तब्दील हो सकता है। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन (M.K. Stalin) ने एहतियाती उपायों की समीक्षा के लिए यहां सचिवालय में एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।
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हालात से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) और राज्य की टीम को तिरुवरुर, मयिलादुथुराई, नागपत्तनम और कुड्डालोर जिलों के लिए रवाना किया गया है। चेन्नई और आसपास के जिले चेंगलपेट, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर, उत्तरी तटीय शहर कुड्डालोर और नागपत्तनम सहित कावेरी डेल्टा क्षेत्र उन स्थानों में शामिल हैं, जहां बारिश हुई। इन इलाकों में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई।
आईएमडी (IMD) के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना दबाव मंगलवार को गहरे दबाव में बदल गया और इसके चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है। गहरे दबाव का क्षेत्र चेन्नई से लगभग 770 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में तथा नागपत्तनम से 570 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व में अवस्थित था तथा तूफानी हवाएं चलने तथा समुद्र की स्थिति बहुत खराब होने की चेतावनी दी गई है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए स्टालिन ने स्थिति से निपटने के लिए कार्ययोजना की समीक्षा की। स्टालिन की अध्यक्षता में हुई बैठक में जिलाधिकारियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वे अधिकारी शामिल हुए जिन्हें वर्षा संबंधी कार्यों की निगरानी तथा समन्वय का कार्य सौंपा गया है।
यहां जारी एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक तंजावुर जिले में एनडीआरएफ की 2 टीमें भेजी गई हैं। तिरुवरुर, मयिलादुथुराई, नागपत्तनम और कुड्डालोर जिलों में से प्रत्येक के लिए 2 टीम (एक एनडीआरएफ की और दूसरी राज्य की) भेजी गई हैं। विज्ञप्ति के मुताबिक मछुआरों को पहले ही समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है और अधिकांश नावें किनारे पर लौट आई हैं।
इसमें कहा गया कि गहरे समुद्र में मछली पकड़ने गए मछुआरों को निकटतम बंदरगाहों पर जाने को कहा गया है। राज्य और जिला स्तर पर आपात परिचालन केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो 24 घंटे सातों दिन काम करेंगे।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री केकेएसएसआर रामचंद्रन, मुख्य सचिव एन मुरुगनंदम और राज्य के शीर्ष अधिकारियों ने हिस्सा लिया।(भाषा)(Photo courtesy: IMD)
Edited by: Ravindra Gupta