शुक्रवार, 19 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Lalu Yadav becomes kingmaker again in Bihar
Written By Author विकास सिंह
Last Updated : मंगलवार, 9 अगस्त 2022 (19:00 IST)

बिहार में फिर लौट रहा नीतीश-लालू का युग! राजनीति के चाणक्य लालू यादव के दांव से भाजपा चारों खाने चित्त

बिहार में फिर किंगमेकर बने लालू यादव, बड़ा सवाल तेजस्वी कब बनेंगे मुख्यमंत्री?

बिहार में फिर लौट रहा नीतीश-लालू का युग! राजनीति के चाणक्य लालू यादव के दांव से भाजपा चारों खाने चित्त - Lalu Yadav becomes kingmaker again in Bihar
'लालू बिना चालू ई बिहार ना होई' 
लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य के इस गाने के साथ किए गए ट्वीट के बिहार की राजनीति में कई मयाने है। यह ट्वीट बताता है कि बिहार की राजनीति के असली चाणक्य आज भी लालू यादव ही है। बिहार में पांच साल बाद आरजेडी और जेडीयू के फिर से एक साथ आने की स्किप्ट लालू यादव ने ही तैयार की है। लालू की बेटी रोहिणी आचार्य का किंगमेकर वाला ट्वीट इसकी तस्दीक करता है। 
 
लालू यादव जो 2015 के नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने में किंगमेकर की भूमिका में थे वह आज फिर उसी भूमिका में है। बतौर आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव पार्टी के सारे नीतिगत निर्णय लेते है और यह माना जा रहा है कि नीतीश कुमार के साथ फिर से सरकार बनाने का फैसला भी उन्हीं का है।
जेल से बाहर आने के बाह लगातार लालू और नीतीश की नजदीकी बढ़ने की खबरें आ रही थी। लालू के बीमार होने पर नीतीश कुमार का मिलने जाने और इलाज का सारा खर्च बिहार सरकार के उठाने का बयान इस बात का इशारा था कि बिहार की राजनीति में बहुत कुछ पक रहा है।

बिहार में आरजेडी और जेडीयू के साथ आने के बाद महागठबंधन में भले ही नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री बन रहे हो लेकिन कहा यह जा रहा है कि 10 महीने बाद नीतीश कुमार 2024 लोकसभा चुनाव के लिए केंद्र का रूख करेंगे और बिहार की कमान तेजेस्वी यादव संभालेंगे। गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार इस बात का एलान कर चुके है कि बिहार की राजनीति में उनका यह आखिरी चुनाव है। ऐसे में जब बिहार में इस वक्त तेजेस्वी अपने सियासी करियर में पूरे उफान पर है तब लालू ने उनको सरकार में लाकर एक बड़ा मौका दे दिया है।
दरअसल 1990 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद पहली बार बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद लालू प्रसाद यादव का “चाणक्य जो भी हो, चंद्रगुप्त तो हम ही न है" का बयान आज तीन दशक के बाद भी बिहार की सियासत में मौजूं है बस 1990 के 'चंद्रगुप्त' अब 'चाणक्य' की भूमिका निभा रहे है। राजनीति के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले लालू यादव आज अपने बेटे तेजस्वी यादव को बिहार का ‘चंद्रगुप्त’ बनाने की जो व्यूह रचना 2020 के विधानसभा चुनाव में तैयार की थी उसके बल पर ही आरजेडी विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई थी।
बिहार की मौजूदा राजनीतिकों में सबसे सतरंगी व्यक्तित्व वाले लालू यादव के यह सियासी कौशल का ही कमाल हैं कि उनकी पार्टी आरजेडी फिर से सत्ता में वापसी कर रही है। बिहार की राजनीति में लालू यादव एक ऐसे नेता के रूप में पहचाने जाते है जिसने अपने सियासी कौशल और सूझबूझ से पिछड़ा, दलित और मुसलमानों को एकजुट कर लंबे समय तक बिहार पर राज किया है। 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव में आरजेडी को अपनी व्यूह रचना ने लालू ने राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बना दिया।