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Last Modified: शनिवार, 6 जुलाई 2024 (20:29 IST)

Kanwar Yatra 2024 : कांवड़ यात्रा 22 जुलाई से, 5 करोड़ से अधिक कांवड़ियों के शामिल होने की उम्मीद, जानिए इस बार क्या होगा खास

तिरंगा लेकर चलने वाले का विशेष सम्मान

Kanwar Yatra 2024
Kanwar Yatra 2024 : 22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने जा रही है। भोले के भक्त कंधे पर गंगाजल लेकर कांवड़ उठाकर गंतव्य की तरफ रुख करते हैं। यह कांवड़ यात्रा दो राज्य उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से होकर गुजरती है। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश के शिव भक्त गंगाजल लेने के लिए उत्तराखंड के हरिद्वार, ऋषिकेश और गंगोत्री यमुनोत्री का रुख करते हैं। शिवभक्त गंगा का पवित्र जल उठाकर पैदल अपने शिवालयों की तरफ कूच करते हैं, इसलिए उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के लिए यह कांवड़ यात्रा बेहद महत्वपूर्ण है।
मेरठ कमीश्नरी सभागार में आज 22 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए यूपी के कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार, मुख्य सचिव मनोज कुमार ने उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के अधिकारियों के साथ कांवड़ यात्रा तैयारी की समीक्षा बैठक की है। इस बार कांवड़ यात्रा में तिरंगा लेकर चलने वाले कावड़ियों को देश का गौरव बढ़ाने के प्रेरित किया जाएगा। कांवड़ यात्रा के दौरान DJ पर कौन-सा सॉन्ग कितनी साउंड में बजेंगा, गाने के बोल अशोभनीय न हो, इस पर पुलिस की नजर रहेगी। हरिद्वार से सभी कावड़ियों पर ड्रोन और CCTV द्वारा नजर रखी जाएगा। 
 
पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बताया कि इस बार भी गत वर्षों की तरह इस बार भी हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर कांवड़ियों का स्वागत किया जाएगा। सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस प्रशासन हवाई सर्वे करेगा। सिविल पुलिस के अलावा पीएसी और अर्द्धसैनिक बल को भी कांवड़ यात्रा में लगाया गया है। 
 
देश के कोने-कोने से शिवभक्त हरिद्वार से गंगाजल भरने पहुंचते हैं। इस बार 5 करोड़ से अधिक कांवड़ियों का उत्तराखंड आने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसलिए 5 राज्य दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड सभी राज्यों को कांवड़ यात्रा के दौरान नो एक्सीडेंट जोन बनाने पर विचार-विमर्श किया गया। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार 5 करोड़ शिव भक्त गोमुख और हर की पैड़ी से जल उठाएंगे, ये सभी शिवभक्त जल उठाने के बाद यूपी में प्रवेश करते हुए अपने गंतव्य की तरफ बढ़ जायेंगे। बड़ी संख्या में भोले के भक्तो का सैलाब सड़कों पर होगा, ऐसे में उनके साथ किसी प्रकार कि कोई अनहोनी नहीं हो जाए, उसके लिए उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में 8 कंट्रोल रूम स्थापित किए जाएंगे, जो सभी सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से निगरानी करेंगे।
शिवभक्तों के लिए जगह-जगह रहने, खाने, चिकित्सा और प्रकाश का समुचित प्रबंध सड़कों पर रहेगा। कांवड़ यात्रा में भोले का जो भक्त तिरंगा लेकर चलेगा उसका विशेष सम्मान किया जायेगा। 12 जिलों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा, जिसमें हरिद्वार से हर घंटे निकलने वाले शिवभक्तों की जानकारी न केवल शेयर की जाएगी बल्कि कांवड़ यात्रा के रास्तों की पर CCTV कैमरा और ड्रोन से निगरानी भी की जाएगी।
 
 यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान हर राज्य के बॉर्डर पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। डॉग स्क्वायड, बम निरोधक दस्ता, IB, इंटेलिजेंस, LIU की टीम कांवड़ियों के भेष में निगरानी करेगी। कांवड़ यात्रा को 5 जोन में बांटा गया है, हर 5 किलोमीटर पर एक पुलिस चेकपोस्ट बनेगा, प्रत्येक चेकपोस्ट पर 20 पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा। कांवड़ियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए जगह-जगह हेल्थ कैंप भी होंगे, सड़क से हटकर खोया-पाया शिविर भी लगाया जाएगा। 
 
पश्चिमी उत्तरप्रदेश में कांवड़ यात्रा का ज्यादा दबाव रहता है, इसलिए आगामी 22 जुलाई से 5 अगस्त तक हाईवे पर भारी वाहनों का प्रवेश बंद कर दिया जायेगा, यह व्यवस्था 5 अगस्त रात तक लागू रहेगी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस वे और चौ. चरण सिंह कांवड़ मार्ग पर 21 जुलाई की रात 12 बजे से भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से बंद हो जाएगा। 25 जुलाई से वन-वे व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। 
कांवड़ियों से आग्रह किया गया है कि इस बार वह तय मानकों (12 फुट) से ऊंची कांवड़ लेकर नहीं आएं, क्योंकि उस पर बैन लगाया गया। गत कांवड़ यात्रा के दौरान ऊंची कांवड़ का बिजली के तारों की चपेट में आने से कई लोगों की मौत हो गई थी। इसके चलते सुरक्षा की दृष्टि से 12 फुट से ऊंची कांवड़ पर बैन लगाया गया है। विद्युत विभाग को सभी ट्रांसफर, बीमार बिजली तारों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी के साथ कांवडिये अपने साथ भाले, त्रिशूल जैसे हथियार भी नहीं रख सकेंगे। कांवड़ियों को अपने साथ आईडी प्रूफ जरूर रखना होगा। बॉर्डर पर आईडी चेक भी की जा सकती है। कोई अप्रिय घटना होने पर परिजनों को सूचित किया जा सके।
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