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Last Modified: शनिवार, 19 अक्टूबर 2019 (07:36 IST)

कमलेश तिवारी हत्याकांड : UP सरकार ने जांच के लिए किया SIT का गठन

कमलेश तिवारी हत्याकांड : UP सरकार ने जांच के लिए किया SIT का गठन - kamlesh tiwari murder uttar pradesh government constitute sit
लखनऊ। उत्तरप्रदेश (UP) की राजधानी लखनऊ के घनी आबादी वाले नाका हिंडोला इलाके में शुक्रवार को हिन्दू समाज पार्टी (Hindu samaj pary) के नेता कमलेश तिवारी  (Kamlesh Tiwari) की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया है।
 
अपर पुलिस अधीक्षक (पश्चिमी) विकास त्रिपाठी ने बताया कि कमलेश तिवारी नाका हिंडोला कि खुर्शेदबाग स्थित अपने घर में खून से लथपथ पाए गए।
 
उन्होंने बताया कि दो लोग उनसे मिलने आए थे। इस दौरान कमलेश ने अपने एक साथी को उन दोनों के लिए पान लाने भेजा था, जब वह लौटकर आया तो उसने कमलेश को खून से लथपथ हालत में पाया। कमलेश पूर्व में हिन्दू महासभा से भी जुड़े रह चुके थे।
 
कमलेश की हत्या के मामले में राज्य सरकार ने देर रात लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक एसके भगत की अगुवाई में 3 सदस्यीय विशेष जांच टीम गठित कर दी। लखनऊ के पुलिस अधीक्षक (अपराध) दिनेश पुरी और एसटीएफ के क्षेत्राधिकारी पीके मिश्र इस टीम के अन्य सदस्य होंगे।
 
कमलेश की पत्नी किरण की तहरीर पर इस मामले में मुफ्ती नईम काजमी और अनवारुल हक तथा एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
 
किरण का आरोप है कि काजमी और हक ने वर्ष 2016 में कमलेश का सिर कलम करने पर क्रमशः 51 लाख और डेढ़ करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया था। इन्हीं लोगों ने साजिश कर उनके पति की हत्या कराई है।
 
इस बीच सोशल मीडिया पर तथाकथित संगठन अलहिंद ब्रिगेड के नाम से एक फोटो संदेश वायरल हुआ जिसमें इस हत्या की जिम्मेदारी ली गई। हालांकि इसकी सत्यता की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है।
 
गौरतलब है कि कमलेश ने पूर्व में हजरत मोहम्मद साहब के प्रति अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया था।
 
कमलेश के कुछ साथियों ने इस मामले में आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का हाथ होने की आशंका भी जताई। इस बारे में पूछे जाने पर अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) पीवी राम शास्त्री ने बताया कि पुलिस हर कोण से मामले की जांच कर रही है और अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंच जाना जल्दबाजी होगी।
 
इस बीच पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि यह विशुद्ध आपराधिक घटना है और पुलिस इसकी जांच कर रही है। जिन लोगों ने कमलेश की हत्या की वह उनकी जान पहचान के बताए जाते हैं। वारदात से पहले उन लोगों ने उसके साथ करीब आधा घंटा गुजारा था।
 
सिंह ने बताया कि कमलेश को पिछले कई महीनों से सुरक्षा उपलब्ध कराई जा रही थी। घटना के समय एक सुरक्षाकर्मी कमलेश के घर के नीचे तैनात था जिसने हत्यारों को रोका और कमलेश से पूछ कर ही उन्हें घर के अंदर जाने दिया। हो सकता है कि हत्यारों ने छद्म नामों का इस्तेमाल किया हो।
 
उन्होंने बताया कि पुलिस को सीसीटीवी फुटेज तथा अन्य सबूतों के आधार पर कुछ अहम सुराग मिले हैं। पुलिस को कुछ कॉल डिटेल्स भी पता चले हैं। मामले की पड़ताल के लिए पुलिस की कई टीमें बनाई गई हैं। साथ ही स्पेशल टास्क फोर्स की भी मदद ली जा रही है।
 
सिंह ने कहा कि वारदात के बाद नाका हिंडोला इलाके में कानून व्यवस्था की कुछ समस्या हुई थी लेकिन अब स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। अगले 48 घंटों के दौरान हत्यारों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
 
लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह वारदात व्यक्तिगत रंजिश का मामला लगता है। नाका हिंडोला के थाना अध्यक्ष सुजीत कुमार दुबे ने बताया कि वारदात के बाद स्थानीय लोगों में नाराजगी दिखाई दी मगर कानून व्यवस्था खराब होने की नौबत नहीं आई। (भाषा)
(Photo courtesy : Social Media)
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