कलियुग के 'कल्कि भगवान', 25 हजार रुपए में देते थे स्पेशल दर्शन, IT छापों में मिली 409 करोड़ की संपत्ति
बेंगलुरू। कलियुग में धर्म के नाम पर ठोंगी बाबाओं द्वारा लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ जारी है। पुलिस और आयकर विभाग के छापों में इन बाबाओं का 'काला सच' दुनिया के सामने आ जाता है। ऐसे ही बेंगलुरू में एक बाबा यहां मारे गए छापें में करोड़ों रुपए बरामद किए गए। खुद को 'कल्कि भगवान' (Kalki Bhagwan) कहने वाले विजय कुमार नायडू के 40 से अधिक ठिकानों पर जब आयकर विभाग ((Income tax department)) ने छापेमारी की तो वह हैरान रह गई।
खबरों के अनुसार आयकर विभाग की टीम को यहां से 93 करोड़ रुपए की नकदी मिली। इसके अतिरिक्त छापों में बाबा के दूसरे आश्रमों पर छापेमारी में 409 करोड़ की अघोषित संपत्ति का भी पता चला।
खुद को बताता था विष्णु का 10वां अवतार : एक लाइफ इंश्योरेंस कंपनी में साधारण से क्लर्क विजय कुमार नायडू खुद को विष्णु भगवान का 10वां अवतार बताता है। खबरों के अनुसार 'कल्कि भगवान' ने आश्रम का विस्तार तमिलनाडु में भी किया। नायडू ने खुद को और अपनी पत्नी पद्मावती को देव स्वरूप बताया। यहां देश-विदेश से आने वाले धनवानों की लंबी लाइनें लगी रहती हैं। यहां साधारण दर्शन के लिए 5 हजार और स्पेशल दर्शन के 25 हजार रुपए देने पड़ते थे।
आयकर विभाग के मुताबिक आश्रम पर जमीनों को हड़पने और टैक्स चोरी के आरोप हैं। इसके अलावा कल्कि ट्रस्ट के फंड को लेकर भी यहां का मैनेजमेंट निशाने पर है। नायडू के साथ-साथ बेटे कृष्णा के खिलाफ सैकड़ों एकड़ जमीनों पर कब्जा कर रियल एस्टेट कारोबार करने की शिकायत के बाद साल 2010 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने पूरे मामले में जांच के आदेश दिए थे।
आश्रम में मची थी भगदड़ : साल 2008 में चित्तूर में ही कल्कि आश्रम में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। इसके बाद कई दिनों तक आश्रम में ताला लटका हुआ था।
यूनिवर्सिटी और अध्यात्म स्कूल : आयकर विभाग जिन ठिकानों पर छापेमारी की है, उनमें एक यूनिवर्सिटी और एक आध्यात्मिक स्कूल भी शामिल है। कल्कि भगवान का मुख्य आश्रम आंध्रप्रदेश में चित्तूर के वैरादेहपलेम में है। इस आश्रम परिसर के चारों तरफ घेरे का रूप दिया गया है। यहां पर कोई नहीं आ सकता है।