Kalpana Soren In Politics : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची जेल में बंद हैं। इस राजनीतिक उठापटक के बीच उनकी पत्नी कल्पना सोरेन पिछले दो दिनों से चर्चा में हैं। वजह है उन्होंने राजनीति में अपना पहला कदम रख दिया है। हालांकि जेएमएम की तरफ से इसकी फिलहाल कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। लेकिन जेएमएम के स्थापना दिवस के मौके पर उन्होंने अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं के सामने भाषण दिया। कहा जा रहा है कि यह पहला मौका था जब कल्पना सोरेन ने अपने किसी सियासी बयान के लिए माइक हाथ में पकड़ा था। इस दौरान कल्पना ने बीजेपी की केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।
भाजपा के साथ परिवार भी एक चुनौती : अगर कल्पना सोरेन राजनीति में एंट्री करती हैं तो उनके सामने कई चुनौतियां होंगी। जहां एक तरफ उन्हें बीजेपी से सियासी लड़ाई लड़ना होगी, वहीं सियासी विरासत के लिए उन्हें सीता सोरेन से मुकाबला करना होगा, क्योंकि वे सोरेन परिवार की बड़ी बहू हैं और अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षाएं जाहिर भी कर चुकी हैं। ऐसे में कल्पना सोरेन के लिए यह सब उतना आसान नहीं होगा।
बहरहाल कल्पना के भाषण के बाद मीडिया की नजर कल्पना सोरेन और झारखंड की राजनीति तरफ मुड़ गई हैं। सवाल यह है कि उनके पति हेमंत सोरेन जेल में बंद हैं, ऐसे में उनकी पत्नी अपनी पार्टी जेएमएम में कितनी जान फूंक पाएगी या भाजपा को कितनी बड़ी चुनौती दे पाएंगी, यह देखने वाली बात होगी।
पहले राजनीतिक भाषण में क्या कहा कल्पना ने : एक तरह से पहली बार दिए गए अपने सियासी भाषण में कल्पना सोरेन ने भाजपा पर जमकर हमला बोला।
केंद्र सरकार के खिलाफ होगा हूल : उन्होंने केंद्र की भाजपा सरकार को निशाना बनाते हुए कहा कि 18वीं सदी में अंग्रेजी शासन के विरुद्ध संथाल परगना में हूल अर्थात क्रांति हुई थी, ठीक उसी प्रकार केंद्र सरकार सरकार के खिलाफ साहिबगंज की धरती से हूल होगा। हेमंत सोरेन को जेल में बंद करने वालों को इसका हिसाब देना होगा। उन्होंने कहा कि कि उन्हें सोरेन परिवार की बहू होने पर गर्व है।
आंसू की एक-एक बूंद का बदला लेना है : कल्पना सोरेन अपने भाषण के दौरान कई बार भावुक हुईं। अपने आंसू पोंछते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले समय में आंसू की एक-एक बूंद का बदला लेना है। दिशोम गुरु शिबू सोरेन और सास रुपी सोरेन से संघर्ष की जो सीख मिली है उसे और आगे ले जाने के लिए 18 वर्ष के बाद घर की दहलीज लांघकर बाहर निकलना पड़ा है, उसे बेकार नहीं होने देंगे।
चुनौतियां : क्या भाजपा से लड़ पाएंगी कल्पना
ईडी के शिकंजे के बाद हेमंत सोरेन जेल में हैं, इसके बाद कल्पना सोरेन की राजनीति में एंट्री की अटकलें लगाई जा रही हैं, हालांकि इसका अब तक कोई ऐलान नहीं हुआ है। जानकारों का मानना है कि उनकी राजनीति में एंट्री से पहले कल्पना सोरेन को लेकर पार्टी और परिवार में सहमति बनानी होगी।
क्या सीता सोरेन होंगी चुनौती : कल्पना के देवर और चंपाई सोरेन सरकार में मंत्री बसंत सोरेन का कहना है कि उनके परिवार में किसी बात को लेकर मतभेद नहीं है। हालांकि शिबू सोरेन की बड़ी बहू और विधायक सीता सोरेन ने कई मौके पर कल्पना सोरेन का विरोध किया है। माना जा रहा है कि उनका मानना है कि बड़ी बहू होने के नाते राजनीतिक विरासत में उनका पहला अधिकार बनता है। ऐसे में सीता सोरेन को साधना कल्पना सोरेन के लिए चुनौती हो सकती है। बता दें कि सीता सोरेन की बेटियों ने दुर्गा सोरेन सेना (डीएसएस) बनाकर पहले से ही अपनी सक्रियता बना रखी है। ऐसे में आने वाले दिनों में सोरेन परिवार में राजनीति उठापटक देखने को मिल सकती है।
क्या कहा बीजेपी ने : बीजेपी के प्रदेश प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने हाल ही में मीडिया से चर्चा में कहा था कि कल्पना सोरेन की एंट्री से यह बात और साफ़ हो गई है कि शिबू सोरेन का परिवार सिर्फ परिवारवाद की राजनीति करता है। उन्हें आदिवासियों से कोई लेना-देना नहीं है।
कौन हैं कल्पना सोरेन : हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं हैं और मूल रूप से ओडिशा के मयूरभंज जिले की रहने वाली हैं। कल्पना की शादी 7 फरवरी 2006 को हेमंत सोरेन से हुई।
कल्पना और हेंमत सोरेंन के दो बच्चे हैं, जिनका नाम निखिल और अंश है। कल्पना के पिता एक बिजनेसमैन हैं और उनकी मां एक गृहिणी हैं। कल्पना बिजनेस और चैरिटी के काम से जुड़ी हैं। कल्पना सोरेन कथित तौर पर एक स्कूल चलाती हैं और जैविक खेती से जुड़ी हैं। 1976 में रांची में जन्मी कल्पना ने इंजीनियरिंग और एमबीए की पढ़ाई की।
Edited by Navin Rangiyal