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Last Updated :चंडीगढ़ , बुधवार, 6 सितम्बर 2023 (18:51 IST)

जूनियर कोच यौन उत्पीड़न मामला : आरोपी मंत्री संदीप सिंह की बढ़ीं मुश्किलें, पुलिस की चार्जशीट में हुआ यह खुलासा

Sandeep Singh
Sexual Harassment Case : चंडीगढ़ पुलिस ने यौन उत्पीड़न के आरोपी हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यहां एक अदालत में दाखिल अपनी अंतिम रिपोर्ट में कहा है कि शिकायतकर्ता जूनियर महिला कोच अपराध स्थल पर एक घंटे से अधिक समय तक मौजूद थी, न कि 15 मिनट तक जैसा कि आरोपी ने दावा किया है।
 
मामले में पिछले महीने आरोप पत्र दाखिल करने की कार्रवाई मामला दर्ज होने के लगभग आठ महीने बाद हुई। यह मामला हरियाणा की एक जूनियर एथलेटिक कोच द्वारा भारतीय जनता पार्टी के नेता सिंह के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों पर आधारित है।
 
सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल), 354ए (यौन उत्पीड़न), 354बी (निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
 
आरोप पत्र में कहा गया है कि पीड़िता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयान में अपने रुख की पुष्टि की है। इसमें कहा गया है, अपराध स्थल की पहचान करवाने के दौरान पीड़िता (यहां स्थित सिंह के आधिकारिक आवास पर) मुख्य कार्यालय, उससे जुड़े अन्य कमरे, बेडरूम और उससे जुड़े बाथरूम और सभी मार्गों की पहचान करने में सक्षम थी, जो स्पष्ट रूप से दिखाता है पीड़िता उक्त कमरों में गई थी, जबकि आरोपी ने बताया है कि वह केवल उसके मुख्य कार्यालय में आई थी।
 
आरोप पत्र के मुताबिक, दो मार्च 2022 और एक जुलाई 2022 को अपराध स्थल पर पीड़िता की उपस्थिति की पुष्टि उबर द्वारा उपलब्ध कराए गए उसके यात्रा विवरण से भी हुई है, जिससे पता चलता है कि पीड़िता एक घंटे से अधिक समय तक अपराध स्थल पर मौजूद थी, न कि 15 मिनट तक जैसा कि आरोपी ने दावा किया है।
 
सिंह के खिलाफ 700 से अधिक पृष्ठों के आरोप पत्र में कहा गया है, इसके अलावा, यह आरोपी के इन दावों के विपरीत है कि पीड़िता केवल उसके मुख्य कार्यालय में गई थी, उससे जुड़े कक्ष या बेडरूम में नहीं। आरोप पत्र के अनुसार, संदीप सिंह यह नहीं बता सके कि उन्होंने देर शाम आधिकारिक मुलाकात का समय खत्म होने के बाद महिला को उनसे मिलने की अनुमति क्यों दी। इसमें दावा किया गया है कि कई गवाहों ने पीड़िता के यौन उत्पीड़न के आरोपों की पुष्टि की है।
 
आरोप पत्र के मुताबिक, सीएफएसएल, चैट, वॉयल कॉल और कॉल रिकॉर्डिंग से प्राप्त डेटा से भी पता चलता है कि पीड़िता ने कुछ लोगों को यौन उत्पीड़न की घटना के बारे में बताया था। इसमें कहा गया है कि पीड़िता के मोबाइल फोन की जांच से संबंधित फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि मंत्री और पीड़िता एक-दूसरे के नियमित संपर्क में थे और उनके बीच पेशेवर बातचीत से परे रिश्ता था।
 
आरोप पत्र के अनुसार, हालांकि हॉकी खिलाड़ी से नेता बने संदीप सिंह ने पूछताछ के दौरान, सबूतों के विपरीत, पीड़िता से कोई भी निजी संबंध होने से इनकार किया। इसमें कहा गया है कि कुछ गवाहों ने भी दावा किया है कि सिंह और पीड़िता एक-दूसरे के काफी करीब थे।
 
आरोप पत्र में हरियाणा के तत्कालीन खेल निदेशक और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी पंकज नैन द्वारा की गई इस पुष्टि को भी शामिल किया गया है कि संदीप सिंह पीड़िता में असामान्य दिलचस्पी ले रहे थे। अंतिम रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 मार्च 2023 को अदालत के समक्ष लाई डिटेक्शन टेस्ट कराने का अनुरोध किया गया था, लेकिन आरोपी ने चिकित्सा आधार पर इसे कराने से इनकार कर दिया। आरोप पत्र में यह भी कहा गया है कि पीड़िता द्वारा लगाए गए कुछ आरोपों की जांच के दौरान पुष्टि नहीं की जा सकी।
 
इसमें कहा गया है कि जांच से पता चला है कि पीड़िता के शुरू में मंत्री के साथ दोस्ताना संबंध थे, लेकिन एक जुलाई की घटना के बाद, उसने आरोपी द्वारा दिखाई गई अनुचित यौन रुचि के बारे में शिकायत करना शुरू कर दिया। आरोप पत्र के अनुसार, शिकायत दर्ज करने में छह महीने की देरी हुई और ऐसा प्रतीत होता है कि इसके पीछे का मुख्य कारण पीड़िता का पंचकुला से झज्जर स्थानांतरण होने और मंत्री का फैसले को वापस लेने से इनकार करना था।
 
आरोप पत्र के मुताबिक, पीड़िता ने एक जुलाई 2022 की यौन उत्पीड़न की घटना की तुरंत शिकायत नहीं की और वह आरोपी के संपर्क में थी, लेकिन ताऊ देवी लाल स्टेडियम, पंचकुला में जिम सुविधाओं तक पहुंच हासिल करने में कठिनाइयों का सामना करने, विदेश में प्रशिक्षण से इनकार किए जाने और अंततः झज्जर स्थानांतरण किए जाने जैसे घटनाक्रमों के बाद उसने पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई।
Edited By : Chetan Gour (भाषा)
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