जोशीमठ संकट : 4.15 KM लंबा रोपवे भी भू धंसाव की जद में, 6 फीट गहरी और 6 इंच चौड़ी दरार
जोशीमठ। जोशीमठ से औली को जोड़ने वाले 4.15 किलोमीटर लंबे रोपवे के टावर नंबर एक के प्लेटफार्म के पास 6 फीट गहरी और 6 इंच चौड़ी दरार आ गई है। हालांकि एक नंबर टावर में भू धसाव के चलते आई दरारों को देख प्रशासन ने पहले ही इसका संचालन रोक दिया था। प्लेटफार्म की बिल्डिंग के आसपास दरार पड़ने के बाद तो रोपवे ही असुरक्षित माना जाने लगा है।
रोपवे के प्रबंधक दिनेश भट्ट ने बताया कि पहले रोपवे में दरारें नहीं आई थी, लेकिन ये दरारें अभी शाम को ही दिखाई दी है। दूसरी तरफ जोशीमठ में बारिश के बाद वाटर डिस्चार्ज में बढ़ोतरी को लेकर सरकार की चिंताएं एक बार फिर बढ़ गई हैं। जिसको देखते हुए आपदा सचिव रंजीत सिन्हा रविवार को एक बार फिर जोशीमठ के लिए रवाना होंगे।
सरकार ने प्रभावितों के लिए मॉडल फेब्रिकेटेड शेल्टर बनाने का निर्णय लिया है। जिस परिवार के पास सुरक्षित जमीन है उसको यह घर उस जमीन पर भी बनाकर दिए जा सकते हैं। जोशीमठ में बारिश से बढ़ी ठंड के बाद शहर में अलाव और राहत शिविरों में हीटर की व्यवस्था की गई है।
वाटर डिस्चार्ज ने बढ़ाई चिंता : बारिश की वजह से जोशीमठ की जेपी कॉलोनी में वाटर का डिस्चार्ज बढ़ गया है। शुक्रवार को वॉटर डिस्चार्ज 190 एलपीएम था जो आज बढ़कर 240 एलपीएम हो गया है। वाटर डिस्चार्ज ने की बढ़ती स्पीड भी चिंता का विषय बनी हुई है।
148 भवन असुरक्षित : उत्तराखंड के आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में दरारों वाले मकानों की संख्या 782 हो गई। इसके अलावा 4 वार्डों में 148 भवन असुरक्षित चिन्हित किए गए हैं। आपदा की जद में आए 223 परिवारों को अभी तक शिफ्ट किया जा चुका है। जोशीमठ में विस्थापित परिवारों के लिए मॉडल टेंपरेरी शेल्टर बनाए जा रहे हैं। ये ऐसी जमीन पर बनाए जा रहे हैं जो सुरक्षित हैं।
NDMA का सरकारी एजेंसियों को निर्देश : जोशीमठ को लेकर इसरो ने अपनी रिपोर्ट जारी की तो उत्तराखंड के साथ-साथ पूरे देश भर में हल्ला हो गया। इसके बाद NDMA ने सरकारी एजेंसियों को जोशीमठ भू-धंसाव के संबंध में अंतिम रिपोर्ट आने तक सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करने से बचने की सलाह दी है।
Edited by : Nrapendra Gupta
वाटर डिस्चार्ज ने बढ़ाई चिंता : बारिश की वजह से जोशीमठ की जेपी कॉलोनी में वाटर का डिस्चार्ज बढ़ गया है। शुक्रवार को वॉटर डिस्चार्ज 190 एलपीएम था जो आज बढ़कर 240 एलपीएम हो गया है। वाटर डिस्चार्ज ने की बढ़ती स्पीड भी चिंता का विषय बनी हुई है।