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Last Updated :सांबा/जम्मू , बुधवार, 12 फ़रवरी 2025 (21:36 IST)

अखनूर आतंकी हमला : सगाई करके ड्यूटी पर लौटे थे मुकेश सिंह, शादी की तैयारियों के बीच घर पहुंचा शव, खुशी की जगह पसरा मातम

अखनूर आतंकी हमला : सगाई करके ड्यूटी पर लौटे थे मुकेश सिंह, शादी की तैयारियों के बीच घर पहुंचा शव, खुशी की जगह पसरा मातम - jammu akhnoor terror attack soldier killed ied blast was to get married
सेना में नायक मुकेश सिंह मन्हास 28 जनवरी को अपनी सगाई होने और अपने नए घर को अंतिम रूप देने के बाद अपनी यूनिट में वापस लौटे ही थे कि उसके 14 दिन बाद वे एक आईईडी विस्फोट में वीर गति को प्राप्त हो गए, जिससे उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और भविष्य अंधकार में नजर आने लगा।
 
जम्मू-कश्मीर के सांबा निवासी 29 वर्षीय मन्हास की अप्रैल में शादी होने वाली थी। मंगलवार को जम्मू के अखनूर सेक्टर में नियंत्रण रेखा (LoC) के पास आतंकवादियों द्वारा किए गए एक आईईडी विस्फोट में मिन्हास एवं झारखंड के रांची निवासी कैप्टन करमजीत सिंह बख्शी वीरगति को प्राप्त हो गए थे। सीमावर्ती जिले सांबा में मिन्हास के पैतृक गांव ब्री कामिला में, ग्रामीणों ने उन्हें एक उत्साही क्रिकेटर, बहिर्मुखी व्यक्ति और जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया।
मन्हास के पिता एवं सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी चगतार सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि उसने सेना में साढ़े नौ साल से ज़्यादा समय तक सेवा की है। हाल में अखनूर आने से पहले वह सियाचिन ग्लेशियर (लद्दाख में), कश्मीर और पंजाब में तैनात था। वह अपनी सगाई समारोह के लिए ड्यूटी से दो हफ़्ते की छुट्टी पर आया था और 28 जनवरी को अपनी यूनिट में लौटा था।
 
बेटे की मौत से दुखी पिता ने कहा कि मन्हास की 20-21 अप्रैल की शादी होने वाली थी। मन्हास का छोट भाई भी सेना में है। मन्हास की मौत पर श्रद्धांजलि देने के लिए बड़ी संख्या में रिश्तेदार एवं पड़ोसी उनके घर पहुंचे।
 
मन्हास के बचपन के दोस्त महेश ने कहा कि उसकी 2 बहनें हैं जिनमें एक उससे बड़ी और दूसरी उससे छोटी हैं एवं विवाहित हैं। वह क्रिकेट प्रेमी था और उसने गांव में अपने हाल के प्रवास के दौरान युवाओं के वास्ते क्रिकेट पिच तैयार करने के लिए असाधारण प्रयास किए। मन्हास के पार्थिव शरीर का इंतजार करते हुए उनके घर पर पुरुष और महिलाएं शोकाकुल थीं। अधिकारियों ने बताया कि मन्हास के पार्थिव शरीर को उनके गांव पहुंचाया जाएगा और बाद में पूरे सैन्य सम्मान के दौरान उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इनपुट भाषा