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Last Modified: बुधवार, 12 फ़रवरी 2025 (18:58 IST)

L&T Chairman का विवादित बयान, पहले कहा- 90 घंटे काम करो, अब बोले- दफ्तर ही नहीं आना चाहते कर्मचारी

L&T Chairman का विवादित बयान, पहले कहा- 90 घंटे काम करो, अब बोले- दफ्तर ही नहीं आना चाहते कर्मचारी - After 90 hour row, L&T boss Subrahmanyan now finds it  funny  that Indians dont want to come to office or relocate for jobs
L&T Chairman के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन एक बार फिर चर्चाओं में हैं। इस बार फिर उन्होंने कर्मचारियों को लेकर बयान दिया है। इस बार उनका निशाना सरकार पर भी है। पत्नी को घूरने वाले विवादित बयान पर आलोचना के निशाने पर आए सुब्रमण्यन ने एक बार फिर से भारत के कामगारों पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत के लोग काम नहीं करना चाहते। वे दफ्तर नहीं आना चाहते हैं। इसके पहले सुब्रमण्यन 90 घंटे काम की वकालत कर पहले भी निशाने पर आ चुके हैं, अब उनके इस बयान की भी आलोचना हो रही है। 
 
सरकारी स्कीमों ने बनाया निकम्मा : सरकारी स्‍कीमों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार के वेलफेयर स्‍कीमों के चलते लोग काम करने से बच रहे हैं। मजदूर अपनी मर्जी से काम का चुनाव करते हैं। वे काम न करने के कई कारण बताते हैं। वे ग्रामीण स्थानों से हटना नहीं चाहते, आराम पसंद करते हैं।  उन्होंने कहा कि श्रमिकों को जुटा पाना चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है। सरकारी स्कीमों और आराम की उपलब्धता के चलते कंस्‍ट्रक्‍शन लेबर काम करने से कतराते हैं। 
सीआईआई साउथ ग्लोबल लिंकेजेस समिट में उन्होंने कंस्‍ट्रक्‍शन इंडस्‍ट्री में मजदूरों की कमी पर चिंता जताते हुए कहा कि जहां एक ओर दुनियाभर में बड़ी संख्या में लोग काम की तलाश में पलायन कर रहे हैं, वहीं भारत में लोग कहीं और जाने को तैयार नहीं हैं। सरकारी स्कीमों की वजह से श्रमिकों की कमी हो रही है। 
सरकारी स्कीमों की वजह से मजदूर अपने गृह क्षेत्र को छोड़ना नहीं चाहते हैं। मनरेगा, डायरेक्ट बेनिफ्ट ट्रांसफर और जन धन जैसी सरकारी योजनाओं के कारण मजदूरों को जुटाना मुश्किल हो गया है. ये स्कीमों लोगों की आर्थिक स्थिति को दुरुस्त कर रही है। इसकी वजह से उन्हें काम की बहुत जरूरत महसूस नहीं होती। इनपुट एजेंसियां