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Last Updated : गुरुवार, 11 जनवरी 2018 (21:14 IST)

स्कूलों से ही निकलेंगे चैंपियन : इब्सा

स्कूलों से ही निकलेंगे चैंपियन : इब्सा - Indian Blind Association, Sports Champion
नई दिल्ली। इंडियन ब्लाइंड एसोसिएशन (इब्सा) का मानना है कि स्कूली स्तर विभिन्न खेलों को बढ़ावा देने से ही चैंपियन खिलाड़ी बाहर निकलकर आएंगे और देश को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक दिलाएंगे।


इब्सा के महासचिव ए डेविड ने ऊषा स्पोर्ट्स चैंपियनशिप फॉर ब्लाइंड 2018 से इतर कहा कि ब्लाइंड स्कूलों, कॉलेज और अन्य संस्थाओं में विभिन्न खेलों को अधिक से अधिक खिलाड़ियों तक पहुंचाने के लिए हम 2005 से ही इन जगहों पर खिलाड़ियों को कोचिंग दे रहे हैं ताकि स्कूली स्तर से ही खिलाड़ी मजबूत हो और वे देश के लिए पदक जीत सके।

डेविड ने कहा कि पूरे देश में इब्सा के करीब 200 सदस्य हैं। इब्सा 2009 से प्रत्येक साल स्पोर्ट्स चैंपियनशिप फॉर ब्लाइंड का आयोजन करती आ रही हैं और इस साल भी 18 राज्यों के करीब 500 से अधिक कबड्डी, जूडो और भारोत्तोलन के खिलाड़ी इस चैंपियनशिप में हिस्सा ले रहें हैं।

डेविड ने कहा कि इन खेलों को हम विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों और संस्थाओं में जमीनी स्तर शुरू करते हैं ताकि यहां से ही चैंपियन बाहर निकले आए पैरालंपिक में देश को पदक दिलाए। यह पूछे जाने पर कि क्या ऐसी चैंपियनशिप के लिए सरकार से भी उन्हें मदद मिलती है, डेविड ने कहा कि मेरा मानना है कि जब आप ब्लाइंड के लिए जमीनी स्तर पर काम शुरू करते हैं तो लोग खुद ब खुद इससे जुड़ जाते हैं।

डेविड ने कहा कि लेकिन ऐसा नहीं है कि सरकार हमें सहयोग नहीं करती है। मेरा मानना है कि विभिन्न खेल निकायों में उन लोगों को शामिल करना चाहिए जो खेलों से जुड़े रहे हों।" उन्होंने कहा कि इब्सा पिछले 30 वर्षों से काम कर रहा है। इस दौरान हमने पांच अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लिया है। राष्ट्रीय स्तर पर जब हम हिस्सा लेते हैं तो इसके लिए हम भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) को लिखते हैं और वे हर तरीके से हमारी मदद करते हैं। ऐसे ही जब हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लेते हैं तो भी साई हमारी मदद करती है।

डेविड ने कहा कि पिछले साल जब 24 सदस्यों का एक दल दक्षिण कोरिया गया था तो साई ने हर तरीके से हमारी मदद की थी। डेविड ने साथ ही कहा कि मैं इसे भेदभाव तो नहीं कहूंगा, लेकिन सरकार जैसे अन्य खेलों के लिए सुविधाएं मुहैया कराती है, हम चाहते हैं तो वैसी ही सुविधाएं हमें भी मिले। जैसे अभ्यास के लिए सेंटर, और इस तरह के खेलों का बड़े स्तर पर खेलों का आयोजन करने के लिए सरकार हमारी मदद करें। (वार्ता)