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Last Updated : शनिवार, 29 जनवरी 2022 (23:59 IST)

भारत-इसराइल की दोस्ती रचेगी आपसी सहयोग के कीर्तिमान : मोदी

भारत-इसराइल की दोस्ती रचेगी आपसी सहयोग के कीर्तिमान : मोदी - India-Israel friendship will create records of mutual cooperation: Modi
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत और इसराइल के आपसी संबंधों को और आगे ले जाने और नए लक्ष्य निर्धारित करने का इससे बेहतर समय कुछ नहीं हो सकता। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि दुनिया में हो रहे महत्वपूर्ण बदलावों के मद्देनजर दोनों देशों के आपसी संबंधों का महत्व और बढ़ गया है।
 
भारत और इसराइल के बीच कूटनीतिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ के मद्देनजर प्रधानमंत्री ने एक वीडियो संदेश में यह भी उम्मीद जताई कि इसराइल के साथ भारत की दोस्ती आने वाले दशकों में आपसी सहयोग के नए कीर्तिमान स्थापित करती रहेगी।
 
उन्होंने कहा कि हमारे लोगों के बीच सदियों से घनिष्ठ नाता रहा है। जैसा कि भारत का मूल स्वभाव रहा है, सैकड़ों वर्षों से हमारा यहूदी समुदाय भारतीय समाज में बिना किसी भेदभाव के एक सौहार्दपूर्ण वातावरण में रहा है और पनपा है तथा उसने हमारी विकास यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
 
उन्होंने कहा कि आज जब दुनिया में महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं, भारत इसराइल संबंधों का महत्व और बढ़ गया है। आपसी सहयोग के लिए नए लक्ष्य रखने का इससे अच्छा अवसर और क्या हो सकता है, जब भारत अपनी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ इस वर्ष मना रहा है और इसराइल अगले साल अपनी स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ मनाने वाला है।
 
भारत और इसराइल के बीच राजनयिक संबंधों की 30वीं वर्षगांठ पर बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि भारत और इसराइल की दोस्ती आने वाले दशकों में आपसी सहयोग के नए कीर्तिमान स्थापित करती रहेगी।
 
ज्ञात हो कि 30 साल पहले आज ही के दिन भारत और इसराइल के बीच राजनयिक संबंध पूर्ण रूप से स्थापित हुए थे। भारत ने 17 सितंबर 1950 को इसराइल को मान्यता दी थी, लेकिन देशों के बीच पूर्ण राजनयिक संबंध 29 जनवरी 1992 को स्थापित हुआ।
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज ही के दिन दोनों देशों के बीच एक नए अध्याय की शुरुआत हुई थी। भले ही अध्याय नया था, लेकिन हमारे दोनों देशों का इतिहास बहुत पुराना है। प्रधानमंत्री का यह संबोधन ऐसे समय में हुआ है, जब अमेरिकी समाचार पत्र ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ (एनवाईटी) की खबर को लेकर भारत की राजनीति गरमाई हुई है।
 
इस खबर के अनुसार, 2017 में भारत और इसराइल के बीच हुए लगभग दो अरब डॉलर के अत्याधुनिक हथियारों एवं खुफिया उपकरणों के सौदे में पेगासस स्पाईवेयर तथा एक मिसाइल प्रणाली की खरीद मुख्य रूप से शामिल थी।
 
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार पर चौतरफा हमला किया है। कांग्रेस ने सरकार पर संसद और उच्चतम न्यायालय को धोखा देने, लोकतंत्र का अपहरण करने और देशद्रोह में शामिल होने का आरोप लगाया है। हालांकि केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत) वीके सिंह ने इस रिपोर्ट को विश्वास ना करने वाला कहते हुए एनवाईटी को ‘सुपारी मीडिया’ करार दिया।
 
इस बीच, संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के उस ‘आक्षेप’ को 'पूरी तरह बकवास' करार दिया, जिसमें कहा गया है कि इसराइली स्पाईवेयर सहित अन्य उपकरणों की खरीद का सौदा होने के बाद इसराइल तथा नई दिल्ली के बीच संबंध और गहरे हो गए तथा फिर भारत ने 2019 में संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक परिषद में इसराइल के समर्थन में मतदान किया।
 
वर्ष 2016 से 2020 तक संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि रहे अकबरुद्दीन ने न्यूयॉर्क टाइम्स (एनवाईटी) की रिपोर्ट पर एक ट्वीट टैग करते हुए कहा- ‘भारत के संयुक्त राष्ट्र वोट के बारे में आक्षेप पूरी तरह से बकवास है...।’
 
इन विवादों के बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर और इसराइल के विदेश मंत्री यायर लैपिड ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के 30 साल पूरे होने पर अखबार ‘इसराइल हयोम’ के लिए एक संयुक्त ऑप-एड ‘डीपनिंग रूट्स’ लिखा है। उन्होंने लिखा कि दोनों देशों के बीच ‘मित्रता और विश्वास’ न केवल विशिष्टताएं हैं बल्कि ‘वास्तविक संपत्ति’ भी है।