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Last Updated :नई दिल्ली , शुक्रवार, 10 नवंबर 2023 (00:15 IST)

Israel Hamas War : इजराइली बंधकों की बिना शर्त हो तत्काल रिहाई, भारत ने संघर्ष में नागरिकों की मौत पर जताई चिंता

Arindam Bagchi
Israel-Hamas War : इजराइल-हमास संघर्ष जारी रहने के बीच, भारत ने गुरुवार को दोनों पक्षों से हिंसा से बचने, तनाव कम करने और फिलिस्तीन मुद्दे के द्विराष्ट्र समाधान की दिशा में सीधी शांति वार्ता जल्द से जल्द फिर से शुरू करने के लिए स्थितियां बनाने का आग्रह किया। हमास का नाम लिए बिना भारत ने बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई का भी आह्वान किया।
 
सात अक्टूबर को हमास आतंकवादियों द्वारा इजराइली शहरों पर अभूतपूर्व और बहुआयामी हमलों के बाद इजराइल गाजा में बड़े पैमाने पर सैन्य आक्रमण कर रहा है। हमास ने इजराइल में लगभग 1400 लोगों की हत्या कर दी और 220 से अधिक लोगों का अपहरण कर लिया। गाजा में हमास संचालित प्राधिकारियों के अनुसार, इजराइली हमले में गाजा में लगभग 10500 लोग मारे गए हैं।
 
विदेश मंत्रालय (एमईए) के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि भारत ने 27 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र महासभा की चर्चा सहित कई मौकों पर हमास-इजराइल संघर्ष पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। उन्होंने कहा, हमने इजराइल पर हुए भीषण हमले की कड़ी निंदा की है, आतंकवाद के प्रति बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की जरूरत पर जोर दिया है और बंधकों की तत्काल एवं बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया है।
Israel-Hamas War
उन्होंने कहा, हमने गाजा में मानवीय संकट और मृतकों की संख्या बढ़ने पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त की है और तनाव कम करने और मानवीय सहायता प्रदान करने के प्रयासों का स्वागत किया है। बागची ने कहा कि भारत ने 38 टन मानवीय राहत सामग्री भी भेजी है और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून के सख्त अनुपालन की आवश्यकता पर जोर दिया है। राहत सामग्री गाजा के लोगों के लिए भेजी गई।
 
उन्होंने कहा, हमने सभी पक्षों से तनाव कम करने, हिंसा से बचने और द्विराष्ट्र समाधान की दिशा में सीधी शांति वार्ता जल्द से जल्द फिर से शुरू करने के वास्ते स्थितियां बनाने के लिए काम करने का आग्रह किया है। यह इसके सभी पहलुओं को दर्शाता है कि हम वहां की बेहद मुश्किल स्थिति को कैसे देखते हैं।
 
संघर्ष बढ़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बातचीत की। इस खबरों के बारे में पूछे जाने पर कि इजराइली निर्माण उद्योग 90,000 फिलिस्तीनियों के स्थान पर 100,000 भारतीय श्रमिकों की भर्ती करने पर विचार कर रहा है, उन्होंने कहा कि उन्हें तेल अवीव से ऐसे किसी अनुरोध की जानकारी नहीं है।
 
बागची ने कहा, मैं किसी विशेष बातचीत या अनुरोध के बारे में आश्वस्त नहीं हूं। मैंने वहां अन्य श्रमिकों की जगह 100,000 श्रमिकों की जगह लेने संबंधी कुछ खबरें देखी हैं। मैंने उनमें से कोई भी बात नहीं सुनी है। (मुझे) किसी विशिष्ट आंकड़े या अनुरोध के बारे में जानकारी नहीं है।
 
व्यापक संदर्भ में उन्होंने कहा कि भारत अपने नागरिकों को वैश्विक कार्यस्थल तक पहुंच प्रदान करने की दिशा में काम कर रहा है। बागची ने कहा, इस संबंध में हम कई देशों के साथ समझौते करने की कोशिश पर चर्चा कर रहे हैं। ऐसे ढांचे और समझौते यह सुनिश्चित करते हैं कि हमारे लोगों के साथ उचित व्यवहार किया जाए, उनके अधिकारों की रक्षा की जाए और उनके साथ भेदभाव न किया जाए।
 
उन्होंने कहा, इजराइल में विशेष रूप से देखभाल करने वाले क्षेत्र में पहले से ही कई भारतीय कर्मचारी कार्यरत हैं। 2022 से, हम निर्माण और देखभाल करने वाले क्षेत्रों में द्विपक्षीय ढांचे पर चर्चा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, लेकिन यह एक दीर्घकालिक पहल है, लेकिन मुझे किसी विशेष अनुरोध या संख्या के बारे में जानकारी नहीं है। (भाषा) Edited By : Chetan Gour 
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