सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Imran Khan, Pakistan Government, Narendra Modi
Written By
Last Modified: सोमवार, 20 अगस्त 2018 (16:16 IST)

पाकिस्तान की इमरान सरकार का भारत को लेकर बड़ा झूठ

पाकिस्तान की इमरान सरकार का भारत को लेकर बड़ा झूठ - Imran Khan, Pakistan Government, Narendra Modi
नई दिल्ली। इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत को लेकर पाकिस्तान का एक बड़ा झूठ सामने आया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री का दावा है कि भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इमरान को पत्र लिखकर दोनों देशों के बीच बातचीत का प्रस्ताव रखा है।


गौरतलब है कि दोनों ही देशों के बीच लंबे समय से द्विपक्षीय बातचीत बंद है। लेकिन, पाकिस्तान के इस दावे में कोई दम नहीं है कि मोदी ने बातचीत का प्रस्ताव रखा है। दरअसल, मोदी ने पड़ोसी होने के नाते इमरान खान को बधाई पत्र तो जरूर भेजा है, लेकिन इसमें बातचीत का किसी भी तरह का प्रस्ताव शामिल नहीं है।

सूत्रों ने पाकिस्तान के नए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के श्री मोदी के पत्र को लेकर किए गए दावे को खारिज करते हुए कहा है कि यह सही है कि मोदी ने श्री खान को 18 अगस्त को पत्र लिखकर बधाई दी थी और दोनों देशों के बीच अच्छे पडोसियों के रिश्ते कायम करने की प्रतिबद्धता जताई थी। लेकिन, इसमें पाकिस्तान के साथ बातचीत शुरू करने के बारे में कुछ नहीं कहा गया था।

सूत्रों ने कहा कि पत्र में मोदी ने विश्वास व्यक्त किया है कि पाकिस्तान में नई सरकार के सुचारु रूप से कार्यभार संभालने से लोगों का लोकतंत्र पर भरोसा मज़बूत होगा। उन्होंने पाकिस्तान के आम चुनाव के परिणाम आने के बाद खान के साथ टेलीफोन हुई अपनी बातचीत को याद करते हुए भारतीय उपमहाद्वीप में शांति, सुरक्षा एवं समृद्धि के दृष्टिकोण को साझा किया ताकि क्षेत्र को हिंसा एवं आतंक से मुक्त करके विकास पर फोकस किया जा सके।

क्या कहा कुरैशी ने : पाकिस्तान के नए विदेशमंत्री शाह महमूद कुरैशी ने सोमवार को कहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच लंबित मुद्दों को सुलझाने के लिए बातचीत के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने दावा किया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाक प्रधानमंत्री इमरान खान को पत्र लिखा है, जिसमें दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू होने के संकेत दिए हैं।

कुरैशी ने कहा कि दोनों देशों के दीर्घकाल से कई लंबित मुद्दे हैं और दोनों ही इन समस्याओं को जानते हैं, लेकिन हमारे पास बातचीत के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं है। हम जोखिम नहीं उठा सकते।