भीषण चक्रवाती तूफान में बदल सकता है फानी, मोदी ने जताई चिंता
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तूफान ‘फानी’ के कारण बन रही स्थिति पर चिंता जताते हुए अधिकारियों से एहतियाती कदम उठाने एवं सहायता उपलब्ध कराने को कहा है।
मौसम विभाग ने रविवार को कहा था कि तूफान फानी बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में तेज होता जा रहा है और अगले 24 घंटों में इसके अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान में बदलने की आशंका है। इस तूफान के चलते तमिलनाडु एवं आंध्रप्रदेश में अगले दो दिनों में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है।
मोदी ने ट्वीट किया कि फानी तूफान के कारण बन रही स्थिति के संबंध में अधिकारियों से बात की। उनसे एहतियाती कदम उठाने और हरसंभव मदद के लिए तैयार रहने को कहा है।
साथ ही उनसे प्रभावित राज्यों की सरकारों के साथ करीब से काम करने की अपील की है। हर किसी की सुरक्षा एवं बेहतरी के लिए प्रार्थना कर रहा हूं।
दिल्ली में आपदा प्रबंधन समिति की बैठक : राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति की आज यहां कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में बैठक हुई जिसमें चक्रवाती तूफान ‘फेनी’ के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति का जायजा लिया गया।
तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिवों / प्रधान सचिवों ने वीडियो कॉन्फेंस के जरिए बैठक में हिस्सा लिया। विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और संबंधित एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।
राज्यों और केंद्र के अधिकारियों ने बैठक में कहा कि वे चक्रवाती तूफान के कारण उत्पन्न होने वाली स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। राज्य सरकारों ने मछुआरों से कहा है कि वे खराब मौसम को देखते हुए समुद्र में न जाएं। उन्होंने यह भी कहा है कि प्रजनन काल होने के कारण भी मछली पकड़ने पर 14 जून तक प्रतिबंध है। राज्य सरकारों से इस प्रतिबंध को सख्ती से लागू कराने को कहा गया है।
समिति की बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्देश पर हुई है और वे खुद स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों को आश्वासन दिया है कि उनके अनुरोध पर राज्य आपदा राहत कोष से सहायता राशि की पहली किस्त जारी कर दी जाएगी।
मौसम विभाग के अनुसार फेनी चक्रवाती तूफान अभी चेन्नई के दक्षिण पूर्व में 880 किलोमीटर दूर है। इसके मंगलवार तक भीषण चक्रवाती तूफान का रूप लेने की आशंका है। यह 1 मई तक पश्चिमोत्तर की ओर बढ़ेगा और फिर धीरे-धीरे पूर्वोत्तर की ओर खिसकेगा। सरकार पूर्वी तटीय राज्यों पर इसके प्रभाव पर कड़ी नजर रखे हुए है।
समुद्र में न जाएं मछुआरे : राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और तट रक्षक बल को सतर्क कर दिया गया है और वे राज्य सरकार की एजेंसियों के साथ तालमेल बनाए हुए है। ये सभी एजेंसियां पूरी तरह तैयार हैं।
गत 25 अप्रैल से ही मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी जा रही है। मौसम विभाग संबंधित राज्यों को हर 3 घंटे पर स्थिति की जानकारी दे रहा है। गृह मंत्रालय भी संबंधित राज्य सरकारों तथा केंद्रीय एजेंसियां के संपर्क में है।
इससे पहले मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश में भूस्खलन की आशंका से इंकार किया था। ओड़िशा में भूस्खलन की आशंका के मद्देनजर स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। स्थिति की समीक्षा के लिए समिति की बैठक मंगलवार को फिर से होगी।