दिव्यांग है लद्दाख का रक्षक, 4 साल से जुटा है अपने काम में, सेना ने किया सलाम
कश्मीर घाटी को लद्दाख क्षेत्र से जोड़ने वाले 434 किलोमीटर लंबे श्रीनगर-लेह राजमार्ग को रविवार को यातायात के लिए खोल दिया गया। इस मौके पर भारतीय सेना ने तुला नाम के एक दिव्यांग व्यक्ति को विशेष रूप से धन्यवाद दिया। डोजर ड्राइवर तुला ने इस राजमार्ग पर आने वाले खतरनाक जोजिला दर्रे पर विपरीत परिस्थितियों में काम किया है। तुला 4 साल से अपने काम में जुटे हुए थे। तुला की कमजोरी भी उनके काम में बाधा नहीं बन सकी। सामरिक दृष्टि से अहम इस राजमार्ग को बर्फबारी के कारण दिसंबर में बंद किया गया था। कम बर्फबारी के चलते करीब 5 महीने बाद ही इसे खोल दिया गया है।
45 वर्ष के तुला सुन या बोल नहीं सकते, लेकिन उसके काम करने के जज्बे को सेना ने भी सलाम किया है। इस मूक योद्धा ने यह सुनिश्चित किया कि वह और उनकी टीम जोजिला दर्रे के काम को समय से पूर्व पूरा करे। यह उनके लिए एक चुनौती भी थी। तुला का एक फोटो भी ट्विटर पर शेयर किया गया, जिसमें तुला के कामों की प्रशंसा की गई है। लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लो ने तुला के काम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तुला हम सभी के लिए प्रेरणा है।
चिनार कोर विशेष रूप से किए गए कार्यों के लिए तुला और उनकी टीम के लिए आभारी थी। उद्घाटन के अवसर पर तुला और उनकी टीम को सभी के लिए प्रेरणा बताया। उन्होंने कहा कि ज़ोजिला दर्रे के कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए आपको और आपकी टीम को मेरा सलाम।
ज़ोजिला दर्रा सामरिक रूप से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां से होकर लद्दाख क्षेत्र और कश्मीर घाटी के बीच का राजमार्ग समुद्र तल से 11,575 फुट की ऊंचाई पर गुजरता है। राजमार्ग की पूरी लंबाई 434 किलोमीटर है और सर्दियों के महीनों में भारी बर्फबारी के कारण इसे चार महीने के लिए बंद कर दिया गया था। आम नागरिकों के साथ ही सैन्य वाहन भी इस राजमार्ग का प्रयोग करते हैं। ज़ोजिला दर्रा पूरे सड़क नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।