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Last Updated : मंगलवार, 22 नवंबर 2022 (13:50 IST)

विवेक बंसोड के रूप में संगीत जगत ने न सिर्फ एक संगतकार खोया, एक अच्‍छा इंसान और मित्र भी खो दिया

vivek bansod
इंदौर, मालवा प्रांत के जाने माने हारमोनियम वादक और देशभर में प्रसिद्ध विवेक बंसोड मंगलवार की सुबह हृदयाघात से निधन हो गया है। उन्‍होंने उज्‍जैन में अंतिम सांस ली। उनके निधन से संगीत कला जगत में मायूसी छा गई है। निधन की दुखद खबर आते ही कई कलाकारों ने उन्‍हें श्रद्धाजंलि दी और उनकी यादों को साझा किया। इस दुखद मौके पर वेबदुनिया ने कुछ कलाकारों से चर्चा कर विवेक बंसोड की संगीत और संगत यात्रा के बारे में जानने की कोशिश की।

मुंबई निवासी प्रसिद्ध तबला वादक कालीनाथ मिश्र ने बताया कि मैं विवेक जी से कई बार मिला, कई बार संगत की। उनके साथ सोमा घोष, प्रभा अत्रे के आयोजनों में संगत की। बहुत नेक आदमी थे। सज्‍जन पुरुष थे। वे हमारे तबले के परम भक्‍त थे। एक बार उन्‍होंने कहा था कि आपके साथ लहरा बजाने की इच्‍छा है, लेकिन वो हो नहीं पाया। वे अच्‍छे इंसान के साथ ही बहुत अच्‍छे तबलावादक भी थे, ये कॉम्‍बिनेशन बहुत रेअर होता है। ऐसे लोगों को सम्‍मान देना चाहिए, लेकिन कलाकार साथी संगत मानकर उन्‍हें छोड़ देते हैं, ये दुखद बात है। ईश्‍वर उनकी आत्‍मा को शांति दे।

शास्‍त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली ने बताया कि हम सबके अत्यंत प्रिय, मालवा प्रांत के जाने माने हारमोनियम वादक विवेक बंसोड जी का हृदयाघात के कारण आज सुबह उज्जैन में निधन हो गया है। यह हमारे परिवार के लिए व्यक्तिगत क्षति है। पिछले 30 वर्षों से वे हमारे साथ संगत करते रहे हैं। विवेक दादा हमेशा कार्यक्रम में आने- जाने की जल्दबाजी की आपकी यह आदत मुझे बिल्कुल पसंद नहीं आती थी, आपने आज भी उतनी ही जल्दबाजी क्यों की? और क्या कहूं... बेहद दुखद।

इंदौर के जाने माने रंगकर्मी, कार्यक्रम प्रस्‍तोता और सूत्रधार संजय पटेल ने बताया कि इंदौर में मैंने हाल ही मैंने आखिरी बार विवेक जी को इंट्रोड्यूस किया था, लेकिन यह दुखद है कि यह हमारी उनके साथ आखिरी महफिल रही। मैं उनके बारे में क्‍या कहूं, देश में किसी भी कलाकार से बात कर लीजिए, वो यही कहेंगे कि अगर हॉरमोनियम पर विवेक बंसोड हैं तो कोई चिंता नहीं, इतना भरोसेमंद कलाकार थे विवेक जी। वे समय के पाबंद थे, कभी ये तनाव नहीं रहा कि वे लेट हो जाएंगे। मैं आपको बताता हूं कि एक खासतौर के हारमोनियम को सहेजने में उनका योगदान था। पाइप हारमोनियम बजाने में वे माहिर थे। नारदीय परंपरा में वे जाने माने कीर्तनकार थे। हमने एक बेहद अच्‍छा, संवेदनशील और ऐसा कलाकार खो दिया, जिसे अभी बहुत आगे जाना था। ये अपूरणीय क्षति है, हारमोनियम की हवा अब गायब सी हो गई।
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विजय शंकर मिश्रा विवेक बंसोड़ बहुत ही अच्छे हारमोनियम वादक और इंसान थे। यह संयोग दुर्लभ होता है। वे हरमोनियम बजाते ही नहीं थे बल्कि उसकी पूरी जानकारी भी रखते थे। उनके व्याख्यान सह प्रदर्शन कार्यक्रम भी बहुत शानदार होते थे। एक बार वे सम के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दिल्ली भी आए थे। उनकी व्यवहार कुशलता से मै प्रभावित हुआ था। उसके बाद हम जहां भी मिले, वे किसी अज़ीज़ की तरह मिले। उनके साथी कलाकारों का कहना था कि वे समय के बहुत पाबंद थे और कार्यक्रम स्थल पर पहले ही पहुंच जाते थे। यही इस बार भी किया उन्होंने। अभी उनके जाने का समय नही हुआ था लेकिन वे चले गए। उनके इस तरह से असमय चले जाने से उनके सैकड़ों संगीत साथी और लाखों प्रशंसक दुखी हैं जिनमे मै भी हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें और उनके परिवार के सभी सदस्यों सहित उनके साथी कलाकारों एवम् प्रशंसकों को भी इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ओम शांति शांति शांति!

जयंत सोनवलकर ने कहा, ख्यात हारमोनियम वादक विवेक भाई बंसोड डायरेक्टर MITS उज्जैन के असामयिक निधन की खबर सुनकर एकदम धक्का लगा। अत्यंत दुःखद समाचार मन विचलित हो गया। हिल गए हम सब। इतने लोकप्रिय, कुशाग्र, सहज सरल बहुमुखी प्रतिभा के धनी मेरे छोटे भाई, आधी रात को मदद करने वाले, कितने विद्यार्थियों, परिवार, समाज का उद्धार किया, पर कभी घमंड, आत्मप्रशंसा का भाव नहीं रखा। सरस्वती के सच्चे साधक जिन्होंने संगीत के क्षेत्र में अपना ऊंचा स्थान बनाकर कई अभिनव प्रयोग किए। कई बार लगता इसी संगीत-साधना से उन्हें वाचा सिद्धि हो गई है। आज जीवन की क्षणभंगुरता का अहसास हुआ, अभी तो हम मिले थे, फिर दो दिन में मिलने वाले थे, नियति इतनी क्रूर हो सकती हैं,ये आज अंदाज लगा। मन तरल हो गया। अश्रुपूर्वक श्रद्धांजलि नमन। ईश्वर आपको तृप्त मुक्त शांत कर अपने में विलीन करे।
Written and Edited: By Navin Rangiyal
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