मोदी राज में सरकारी नौकरी पर बड़ी मार, रेलवे में होगी 3 लाख कर्मचारियों की छंटनी
नई दिल्ली। अक्षम कर्मचारियों की छंटनी के लिए रेलवे के मंडल कार्यालयों को उन कर्मियों की सूची तैयार करने के लिए कहा गया है जो 2020 की पहली तिमाही में 55 साल के हो जाएंगे या जिनकी सेवा 30 साल पूरी हो जाएगी। मंत्रालय के सूत्रों ने यह जानकारी दी। सूत्रों के अनुसार फिलहाल रेलवे में 13 लाख कर्मचारी हैं और मंत्रालय उसे 2020 तक घटाकर 10 करना चाहता है।
सूत्रों ने बताया कि इस श्रेणी में जो लोग सेवा में बने रहने के लायक नहीं हैं उन्हें समयपूर्व सेवानिवृत्ति की पेशकश की जाएगी। रेलवे बोर्ड द्वारा मंडल कार्यालयों को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि मंडलीय रेलवे से उन कर्मचारियों का सेवा रिकॉर्ड प्रस्तुत करने का अनुरोध किया जाता है जो 2020 की पहली तिमाही यानी 2020 में जनवरी-मार्च के दौरान 55 साल के हो जाएंगे या 30 साल की सेवा पूरा कर लेंगे और पेंशन के पात्र हो जाएंगे।
27 जुलाई को भेजे गये इस पत्र में कहा गया है कि बोर्ड ने ब्योरा जमा करने की अंतिम तारीख 9 अगस्त तय की है। सूत्र ने कहा कि यह समय-समय पर की जाने वाली समीक्षा का हिस्सा है। इसके तहत जिन कर्मचारियों का काम ठीक नहीं है या जिनके विरुद्ध कोई अनुशासनात्मक मुद्दा है, उन्हें समय पूर्व सेवानिवृत्ति की पेशकश की जाएगी। यह सरकार इस संबंध में बहुत गंभीर है।
हाल ही में लोकसभा में बताया गया था कि सरकारी विभागों में समूह ए और बी के 1.19 लाख कर्मचारियों के कामकाज की समयपूर्व सेवानिवृति उपबंध के संदर्भ में 2014-19 के बीच समीक्षा की गई। सूत्रों के अनुसार फिलहाल रेलवे में 13 लाख कर्मचारी हैं और मंत्रालय उसे 2020 तक घटाकर 10 करना चाहता है। रेलवे के मंडलीय कार्यालयों से कर्मचारियों के मानसिक एवं शारीरिक स्वस्थता, उपस्थिति, समयबद्धता का रिकॉर्ड भी जुटाने को कहा गया है।