Severe heat in North India: उत्तर भारत समेत आधा देश भीषण गर्मी का प्रकोप झेलने को मजबूर है। लद्दाख से लेकर झारखंड तक और उत्तर-पश्चिम भारत का एक बड़ा हिस्सा गर्मी की चपेट में हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यूपी में हाल ही में गर्मी से 30 से ज्यादा लोगों के मरने की खबर आई है। अब सभी लोगों को अब मानसूनी राहत का इंतजार है, जब बारिश की बूंदें धरती की तपन को ठंडक प्रदान करेंगी। हालांकि दक्षिण भारत में बारिश का दौर शुरू हो चुका है। असम में तो बाढ़ के हालात हैं और 1 लाख से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए हैं।
मौसम विभाग के मुताबिक 17 जून को यूपी के प्रयागराज में सबसे ज्यादा तापमान दर्ज किया गया। अधिकतम तापमान के मामले में दूसरे नंबर बिहार का डेहरी रहा, जहां 46.4 डिग्री तापमान रहा। दिल्ली के आयानगर में 46.4, रोहतक (हरियाणा) 46.2, गंगानगर (राजस्थान) 46.2, डाल्टनगंज (झारखंड) 46.0, अमृतसर (पंजाब) 45.8, ग्वालियर (मध्य प्रदेश) 45.1, ऊना (हिमाचल) 44.0, जम्मू 44.3 और देहरादून में 43.1 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया।
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राजस्थान में भीषण गर्मी : राजस्थान के ज्यादातर इलाकों में भीषण गर्मी का दौर जारी है। वहीं मौसम विभाग ने कई इलाकों में अगले कुछ दिनों के लिए लू चलने की चेतावनी जारी की है। जयपुर स्थित मौसम केंद्र के अनुसार, बीते 24 घंटे में पश्चिमी राजस्थान में मौसम शुष्क रहा। इस दौरान बीकानेर और जयपुर संभाग में कहीं-कहीं लू चली। जयपुर, कोटा, जोधपुर, अजमेर तथा बीकानेर संभाग में कहीं-कहीं गर्म रात दर्ज की गई। विभाग के अनुसार, आगामी 48 घंटों में राज्य के बीकानेर, भरतपुर, जयपुर संभागों में अधिकतम तापमान 44-47 डिग्री दर्ज होने व कहीं-कहीं पर लू चलने की संभावना है।
दिल्ली को राहत नहीं : राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को न्यूनतम तापमान 33.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम के सामान्य तापमान से 6 डिग्री सेल्सियस अधिक है। आसमान सामान्यत: साफ रहने और लू के साथ भीषण गर्मी पड़ने तथा तेज हवा चलने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग ने दिल्ली के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। हालांकि राष्ट्रीय राजधानी को बुधवार से हल्की राहत मिल सकती है।
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पहाड़ी इलाकों में भी गर्मी का प्रकोप : उत्तराखंड के देहरादून में अधिकतम तापमान 43.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस मौसम के सामान्य से 9.5 डिग्री अधिक है, जबकि हिमाचल प्रदेश के ऊना में अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो औसत से 6.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है। जम्मू-कश्मीर में कटरा में अधिकतम तापमान 40.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 5.7 डिग्री सेल्सियस अधिक है, जबकि जम्मू में पारा 44.3 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। झारखंड के डाल्टनगंज में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो सामान्य से 9.1 डिग्री अधिक था।
पंजाब-हरियाणा भी तपे : पंजाब और हरियाणा में पिछले कई दिनों से जारी गर्मी में कोई कमी नहीं आई है और बठिंडा में तापमान 46.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। स्थानीय मौसम केंद्र के अनुसार, दोनों राज्यों की साझा राजधानी चंडीगढ़ में अधिकतम तापमान 44.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। पंजाब के लुधियाना के समराला में भीषण गर्मी जारी है, जबकि हरियाणा में नूंह सबसे गर्म स्थान रहा। हरियाणा के अन्य स्थानों में फरीदाबाद और सिरसा में भीषण गर्मी की स्थिति बनी रही। फरीदाबाद में अधिकतम तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस और सिरसा में 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
डीजल की मांग घटी : देश के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी के कारण यात्रा में कमी आने से जून में डीजल की मांग में गिरावट आई है। ईंधन की बिक्री, जो परंपरागत रूप से चुनाव के दौरान बढ़ जाती है, इस वर्ष प्रवृत्ति के विपरीत रही है। डीजल की बिक्री एक से 15 जून के दौरान पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3.9 प्रतिशत की गिरावट आई है और यह 39.5 लाख टन रह गई। देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन की मांग में अप्रैल में 2.3 प्रतिशत और मार्च में 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई थी। मई में इसमें 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
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छत्तीसगढ़ में छुट्टियां बढ़ाईं : छत्तीसगढ़ सरकार ने भीषण गर्मी के मद्देनजर राज्य में विद्यालयों की गर्मी की छुट्टियां 25 जून तक बढ़ा दीं। इस संबंध में राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने रविवार देर शाम आदेश जारी किया। राज्य सरकार ने 22 अप्रैल से 15 जून तक सभी विद्यालयों में गर्मी की छुट्टियां घोषित की हैं। अब 26 जून को स्कूल खुलेंगे।
क्या कहती हैं पर्यावरणविद : विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा है कि भारत गर्मी के इस मौसम में अभूतपूर्व तपिश से जूझ रहा है और कोई भी इस स्तर की गर्मी के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा- भारत के बड़े हिस्से में भीषण गर्मी प्राकृतिक रूप से घटित होने वाली अल नीनो घटना और जलवायु परिवर्तन का परिणाम है।
नारायण ने कहा कि कोई भी तैयार नहीं है। हमें बहुत स्पष्ट रहना चाहिए। वर्ष 2023 वैश्विक स्तर पर सबसे गर्म वर्ष था। हमने पिछले 45 दिनों में 40 डिग्री से ऊपर के तापमान के साथ हर रिकॉर्ड तोड़ दिया है। यह जलवायु परिवर्तन है। इस साल (2023-24) अल नीनो के कम होने से यह और भी जटिल हो गया है। इसका मतलब है कि हमें वास्तव में अपने कृत्यों को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि जोखिम वाले समुदाय कम प्रभावित हों।
नारायण ने कहा कि भीषण गर्मी आधुनिक कांच की इमारतों को भट्टियों में बदल रही है, जिससे रहने वालों को गर्मी लग रही है और इस गर्मी से निपटने के लिए नए वास्तुशिल्प विज्ञान की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आज आपकी सबसे बड़ी चुनौती यह है कि शहरों का पुनर्निर्माण कैसे किया जाए। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 46 मौतें अकेले मई (30 मई तक) में हुईं। एक से 30 मई के बीच देश में लू लगने के 19 हजार 189 संदिग्ध मामले सामने आए।
Edited by: Vrijendra Singh Jhala