टैगोर की पुण्यतिथि पर बोलीं ममता बनर्जी, मैं चाहती हूं कि भारत भाषायी आतंक के बिना फले फूले
टैगोर के चरणों में अपनी श्रद्धा व्यक्त की : उन्होंने यह भी आशा व्यक्त की कि लोग ऐसे भारत को लेकर जागरुक होंगे जहां रवीन्द्रनाथ की भाषा बांग्ला को सभी नागरिकों का सम्मान, गरिमा और प्यार मिलेगा। बनर्जी ने 'एक्स' पर पोस्ट किया कि मैं विश्व कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर के चरणों में अपनी श्रद्धा अर्पित करती हूं। वे हर पल हमारे हृदय में निवास करते हैं। वे हमारी आत्मा के कवि हैं और मैं आज उन्हें अपने हृदय की गहराइयों से स्मरण करती हूं। वे हमारे संरक्षक और हमारे पथ प्रदर्शक हैं।
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बनर्जी ने बताया कि राज्य सरकार ने गुरुवार को टैगोर की स्मृति में झारग्राम जिले में एक कार्यक्रम आयोजित किया था। उन्होंने कहा कि कल झारग्राम में हमारा एक सरकारी कार्यक्रम था। वहां हमें अनेक विद्वानों को श्रद्धांजलि अर्पित करने का अवसर मिला। उस अवसर पर हमने विश्व कवि को नमन किया। उस कार्यक्रम से पहले हमने सोशल मीडिया पर भी सार्वजनिक रूप से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की थी।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta