गुजरात के किसान भाजपा वालों को दौड़ा-दौड़ा कर मारेंगे, एक दिन के लिए पुलिस हटा लो, केजरीवाल ने ऐसा क्यों कहा  
					
					
                                       
                  
				  				 
								 
				  
                  				  Arvind Kejriwal in Gujarat: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल ने गुजरात सुरेन्द्रनगर में 'किसान महापंचायत' को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों में इतना गुस्सा है कि यदि एक दिन के लिए पुलिस को हटा लिया जाए तो गुजरात के किसान भाजपा वालों को घरों से निकालकर दौड़ा-दौड़ाकर मारेंगे। 
				  																	
									  
	 
	गुजरात में इतनी अहंकारी सरकार कभी भी नहीं रही। 30 साल से किसानों ने भर-भरकर भाजपा को वोट दिया, लेकिन इनको अहंकार हो गया। भाजपा सरकार किसानों को एमएसपी तो नहीं देती, लेकिन जब किसान मंडी में फसल बेचने जाता है तो उसे पूरा दाम नहीं मिलता। उन्हें उनका हक नहीं दिया जा रहा। जब किसान आंदोलन करता है तो उनके घरों में घुसकर पुलिस उनके बच्चों को मारती है। भाजपा वालों ने 85 किसानों को जेल भिजवा दिया। ये लोग अपने घरों में दिवाली मना रहे थे, किसान परिवार अपने घरों में बैठकर रो रहे थे। क्योंकि उनके बच्चे जेल में थे। 
				  
	
	
	
		इतना अत्याचार अंग्रेजों ने भी नहीं किया : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि हम किसान परिवारों के साथ हैं। उन्होंने कहा कि एक मां की बात सुनकर मेरी आंखों में आंसू आ गए थे। उस मां से मैंने कहा कि पहले डंडे केजरीवाल को लगेंगे, उसके बाद उसके बेटे को लगेंगे। सरदार पटेल को याद करते हुए केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने किसानों के लिए आंदोलन किया था, उस समय अंग्रेजों की सरकार ने भी किसानों पर डंडे नहीं बरसाए थे, लेकिन भाजपा की सरकार ने किसानों को जेल में डाला, डंडे बरसाए और उन पर आंसू गैस के गोले भी छोड़े। 
 				  						
						
																							
									  
		 
		ट्रंप से डरते हैं भाजपा वाले : केजरीवाल ने परोक्ष रूप से केन्द्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा वाले कायर हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इन्हें रोज धमकाता है। ट्रंप के आगे इनकी एक नहीं चलती। ट्रंप कहते हैं कि अमेरिका से आने वाली कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी हटा दो तो ये हटा देते हैं। रूस से तेल मत खरीदो तो ये तेल खरीदना बंद कर देते हैं। ट्रंप के खिलाफ बोलने की इनमें हिम्मत नहीं है। 
 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
		Edited by: Vrijendra Singh Jhala