चुनाव आयोग की सफाई, इसलिए नहीं हुए गुजरात, हिमाचल में साथ-साथ चुनाव
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात विधानसभा के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा न किए जाने पर बुधवार को सफाई देते हुए कहा कि उसने गुजरात में आई भयंकर बाढ़ और राहत कार्यों को देखते हुए इस राज्य के चुनाव की घोषणा अब की है।
मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोति ने में गुजरात विधानसभा चुनाव के कार्यक्रमों की घोषणा करते हुए पत्रकारों के सवालों की बौछार के जवाब में यह सफाई दी।
पत्रकारों ने जोति से जब बार-बार यह सवाल पूछा कि आयोग ने हिमाचल प्रदेश के साथ गुजरात के चुनाव की घोषणा क्यों नहीं की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई बड़ी योजनाओं की घोषणा करने का मौका क्यों दिया तो ज्योति ने कहा कि गुजरात के सात जिलों में भयंकर बाढ़ आई थी, जिसमें 229 लोगों की मौत हो गई थी।
बाढ़ प्रभावित इन जिलों मे राहत कार्य भी पूरा नहीं हुआ था और किसानों को मुआवजा देने का काम चल रहा था एवं बाढ़ में क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत का काम भी चल रहा था इसलिए आयोग ने दोनों राज्यों के चुनाव की घोषणा एक साथ नहीं की।
उन्होंने अपनी इस दलील के समर्थन में गुजरात के मुख्य सचिव के दो पत्रों का हवाला भी दिया जो आयोग को 22 सितंबर और दो अक्टूबर को लिखे गए थे। इन पत्रों में मुख्य सचिव ने आयोग से अनुरोध किया था कि राहत कार्यों को पूरा करने के लिए थोड़ा और समय दिया जाए।
यह कहे जाने पर कि गुजरात के राहत आयुक्त ने तो आयोग को इस संबंध में कोई पत्र नहीं लिखा था और न ही उसने समय देने का कोई अनुरोध किया था तो फिर आयोग ने राज्य सरकार को समय क्यों दिया, जोति ने कहा कि हम गुजरात के मुख्य सचिव की बात को आधिकारिक वक्तव्य मानते हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह भी कहा कि राहत कार्यों के जारी रहने से नगर निगम, पंचायत और जिला प्रशासन के अधिकारी इस कार्य में व्यस्त थे इसलिए गुजरात का चुनाव पहले नहीं कराया जा सकता था। आयोग को चुनाव कराने के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों की ही जरूरत पड़ती है। (वार्ता)