राजमल वैसे तो शुरू से ही पढ़ाई में होशियार थे लेकिन वित्तिय परेशानियों की वजह से आगे की पढ़ाई नहीं कर सके। JNU में गार्ड की नौकरी करते हुए उन्होंने यहीं पढ़ाई का सपना देखा और अपनी लगन से उसे सच भी कर दिखाया।
इस तरह JNU पहुंचे रामजल : रामजल के परिवार में पत्नी और तीन बच्चे हैं। गांव में माता-पिता हैं। उन पर तीन बहनों की शादी की जिम्मादारी थी। 2003 में उन्होंने मजदूरी भी की। उस वक्त दिनभर काम करने पर 70 रुपए मिलते थे। मगर फिर एक दिन पिता ने कहा, पढ़ाई करो और कुछ बढ़िया करो। क्लास 5 से 10 तक क्लास में हमेशा पहला नंबर आता था इसलिए उन्हें कुछ उम्मीदें थीं। फिर वह जयपुर आ गए। वहां ओपन से बीए का फॉर्म भरा। वहां देखा एक सिक्यॉरिटी कंपनी में भर्ती हो रही थी। इसमें भर्ती हो गया। इसके बाद ट्रेनिंग के लिए गुड़गांव पहुंचा, फिर दिल्ली मेट्रो में सिक्यॉरिटी गार्ड बना और फिर 2014 में जेएनयू पहुंच गए।
