बड़ी खबर, एचआईवी संक्रमित सभी लोगों का 'लोड टेस्ट'
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने एचआईवी संक्रमितों के लिए 'वायरल लोड टेस्टिंग' की शुरुआत की जिससे यह पता चल सकेगा कि एड्स की दवा का कितना असर हो रहा है।
नड्डा ने सोमवार को यहां एक समारोह में 'वायरल लोड टेस्टिंग' की शुरुआत करते हुए इसे ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि 12 लाख एचआईवी संक्रमित और एड्स पीड़ितों को इससे लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि सबको उपचार की सुविधा देने के बाद यह दूसरा महत्त्वपूर्ण कदम है। जीवन भर एंटीरिट्रोवायरल उपचार (एआरटी) लेने वाले एचआईवी संक्रमितों पर उपचार कितना प्रभावी हो रहा है, यह जानने में इसकी महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी।
नड्डा ने कहा कि लोड टेस्टिंग से चिकित्सा अधिकारी इस बात का पता लगा सकेंगे कि किन कारणों से कुछ एचआईवी संक्रमितों पर दवा असर करना बंद कर देती है। साथ ही इससे शरीर में दवा के लिए प्रतिरोधक क्षमता पैदा होने से रोकने के रास्ते भी खुलेंगे।
मंत्री ने कहा कि एचआईवी संक्रमितों और एड्स पीड़ितों तक स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के लिए उनके प्रति हेय भावना को समाप्त किया जाना महत्त्वपूर्ण है। हेय भावना और भेदभाव में कमी लाने के लिए एचआईवी/एड्स अधिनियम पारित किया गया है। दुनिया के बहुत कम देशों में एचआईवी संक्रमितों के पास इस तरह के अधिकार हैं। इस मौके पर नड्डा ने एचआईवी-1 वायरल लोड प्रयोगशाला परीक्षण के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने बताया कि एचआईवी संक्रमितों और एड्स पीड़ितों की संख्या बढ़ने के साथ लोड टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ेगी। इसके उपचार तथा टेस्टिंग में पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जरूरत है। (वार्ता)