नई दिल्ली। फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के मुद्दे को भारत के साथ अपना साझा उद्देश्य बताया, साथ ही इस बुराई से निपटने में दोनों देशों के बीच सहयोग पर बल देने और उसे मजबूती प्रदान करने को अपनी यात्रा के मकसद के रूप में रेखांकित किया।
भारत की 3 दिवसीय यात्रा पर आए ओलांद ने पेरिस में सीओपी-21 शिखर सम्मेलन में ‘महत्वपूर्ण’ भूमिका निभाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सराहना की और कहा कि दोनों देश जलवायु परिवर्तन के मोर्चे पर सभी निर्णयों को आगे बढ़ाएंगे, साथ ही आर्थिक क्षेत्र में भी सहयोग को आगे बढ़ाया जाएगा।
मंगलवार को गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने यह टिप्पणी राष्ट्रपति भवन में की, जहां उनका राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में पारंपरिक स्वागत किया गया।
प्रणब मुखर्जी की मौजूदगी में ओलांद ने कहा कि भारत और फ्रांस जैसे देशों के इर्द-गिर्द सभी तरह के खतरे मंडरा रहे हैं और मेरी यात्रा एक मुख्य उद्देश्य हमारे दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग पर बल देना और उसे मजबूती प्रदान करना है।
ओलांद ने कहा कि एक बार फिर से इससे हमारे साझे मूल्यों की पुष्टि हुई है जिसकी हम रक्षा करना चाहते हैं और दुनियाभर में हम जिसका प्रतिनिधित्व करते हैं। जहां तक जलवायु परिवर्तन का संबंध है, पेरिस में सीओपी-21 शिखर सम्मेलन में किए गए सभी निर्णयों को हम आगे बढ़ाएंगे और इसके साथ ही हम कृषि से लेकर अंतरिक्ष तक सभी क्षेत्रों में अपने आर्थिक संबंधों को और मजबूत बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि ये ऐसे क्षेत्र हैं, जो हमारे हितों से जुड़े हैं और हमारे दोनों देशों के बीच इनमें काफी सहयोग है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीओपी-21 की सफलता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फ्रांस के राष्ट्रपति ने सोमवार सुबह राजघाट पर महात्मा गांधी की समाधि पर जाकर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की।
बाद में आईएसआईएस के बारे में एक सवाल के जवाब में ओलांद ने इस बात पर जोर दिया कि फ्रांस आतंकवाद के किसी तरह के खतरे से प्रभावित नहीं होगा और वह हमेशा उन मूल्यों की सुरक्षा करेगा, जिसके लिए वह खड़ा रहा है।
उन्होंने कहा कि फ्रांस आतंकवाद के किसी तरह के खतरे से विचलित नहीं होगा। हम वह सभी कदम उठाएंगे, जो लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए जरूरी होगा।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा कि इसलिए हमने फ्रांस में आपातकाल की अवधि को बढ़ाने का निर्णय किया है, ताकि हम सभी तरह के जरूरी कदम उठा सकें। इस बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ओलांद से मुलाकात की और परमाणु एवं रक्षा सहयोग समेत द्विपक्षीय सहयोग के विभिन्न आयामों पर चर्चा की।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि स्वराज ने राष्ट्रपति ओलांद से मुलाकात की। चर्चा में रक्षा, परमाणु सहयोग, अंतरिक्ष, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के विषय शामिल रहे।
ओलांद अपनी भारत यात्रा के क्रम में रविवार को चंडीगढ़ पंहुचे थे, जहां उन्होंने कारोबारियों के साथ एक बैठक में हिस्सा लिया और वे कई महत्वपूर्ण स्थल देखने गए। (भाषा)