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  4. Fear of collapse of system in Maha Kumbh due to influx of people, anger among devotees over VIP culture, traffic jam at many places
Last Updated : बुधवार, 29 जनवरी 2025 (00:06 IST)

जनसैलाब के चलते महाकुंभ में व्यवस्था चरमराने का डर, श्रद्धालुओं में VIP कल्चर को लेकर गुस्सा, कई जगह जाम

मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ आने की संभावना को देखते हुए मेला क्षेत्र को ‘नो-व्हीकल’ जोन घोषित कर दिया है

Mahakumbh
Prayagraj Maha Kumbh 2025: मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या पर महाकुंभ स्थल और प्रयागराज के आसपास के इलाकों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच गए हैं। आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं का आंकड़ा 15 करोड़ के पार पहुंच चुका है। बुधवार को मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। कहीं-कहीं लोगों में व्यवस्था को लेकर गुस्सा भी नजर आ रहा है। बुधवार के शाही स्नान को लेकर लोगों में यह डर भी है कि कहीं श्रद्धालुओं की ज्यादा संख्या के कारण व्यवस्था चरमरा न जाएं। हालांकि सरकार और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद नजर आ रहा है। 
15-20 किलोमीटर चलना पड़ रहा है पैदल : महाकुंभ मेले में विशिष्ट और अति विशिष्ट व्यक्तियों (VVIP) के आगमन के बीच ज्यादातर पांटून पुल बंद किए जाने से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि वीआईपी व्यक्तियों को सुविधाएं दिए जाने के कारण पूरा मेला खराब हो रहा है तथा पुलिस आयुक्त, जिलाधिकारी और मेला अधिकारी वीआईपी व्यक्तियों की आवभगत में आम श्रद्धालुओं की उपेक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वीआईपी के लिए बैरिकेड हटाकर उनके लिए रास्ता खाली कराया जा रहा, लेकिन आम श्रद्धालुओं को 15-20 किलोमीटर पैदल आना पड़ रहा है। उसमें भी पांटून पुल बंद करके उन्हें और परेशान किया जा रहा।
वीआईपी कल्चर क्यों? : बरेली से आईं सुमन कुमारी ने कहा कि कल से ज्यादातर पांटून के पुल बंद हैं और पुलिसकर्मी उन्हें इधर से उधर घुमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में गंगा नदी पार करके जाने का यही पांटून का पुल एक माध्यम है। बिजनौर से महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर स्नान करने आईं पुष्पा देवी ने कहा कि मेला क्षेत्र में 30 पांटून पुल बनाए गए हैं और वह सुबह चार बजे से यहां घूम रही हैं और उनकी गाड़ी 15 किलोमीटर दूर पार्क कराई गई है, जहां से वह पैदल आई हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर वीआईपी इन पुलों से क्यों जा रहे हैं? क्या हम इंसान नहीं हैं।
नहीं सुन रही पुलिस : मेले में आए पेशे से डॉक्टर प्रत्यूष कुमार ने कहा कि पुलिसकर्मी किसी की नहीं सुन रहे हैं और किन लोगों के लिए सरकार ने यह पुल बनवाया है। मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और पुलिस अधीक्षक (यातायात) अंशुमान मिश्रा से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हुए। अव्यवस्थाओं पर गुस्सा जाहिर करते हुए कुछ लोगों ने कहा कि हम घर नहीं जा पा रहे हैं। लोगों ने कहा कि या तो हम घर जाएंगे या फिर जेल जाएंगे। सुप्रिया श्रीनेत ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें एक पुल पूरी तरह खाली नजर आ रहा है, लेकिन दूसरी ओर लोग परेशान दिखाई दे रहे हैं। एक अन्य वीडियो में लोग पैदल चलते दिखाई दे रहे हैं, वहीं पास से वीआईपी वाहन भी गुजरते हुए दिखाई दे रहे हैं। 
हर तरफ भीड़ ही भीड़ : प्रयागराज की सड़कों से लेकर गलियां तक फुल हैं। भीड़ संभालने के लिए प्रशासन ने जगह-जगह बैरिकेडिंग कर रखी है। लेकिन, आने वाली भीड़ बैरिकेडिंग तोड़ रही है। शास्त्री ब्रिज पर ऐसा ही नजारा देखने को मिला। यहां भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ दी और पुल से डायरेक्ट नीचे उतरकर मेले के अंदर चले गए। रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भी पैर रखने की जगह नहीं है।
मेला क्षेत्र नो-व्हीकल झोन : मेला प्रशासन ने मौनी अमावस्या पर करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ आने की संभावना को देखते हुए मेला क्षेत्र को ‘नो-व्हीकल’ (वाहन निषेध) जोन घोषित कर दिया है और वीआईपी, पुलिस प्रशासन, दमकल और एंबुलेंस की गाड़ियों को छोड़कर किसी भी वाहन को मेला क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। वहीं, जिले से बाहर की गाड़ियों को प्रयागराज की सीमा पर ही रोक दिया गया है जिससे श्रद्धालुओं को पैदल चलकर मेला क्षेत्र में आना पड़ रहा है। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala