सोमवार, 23 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. राष्ट्रीय
  4. Farmers historic rally
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 30 नवंबर 2018 (18:52 IST)

किसानों ने निकाली ऐतिहासिक रैली, मोदी सरकार को दिया अल्टीमेटम

किसानों ने निकाली ऐतिहासिक रैली, मोदी सरकार को दिया अल्टीमेटम - Farmers historic rally
नई दिल्ली। देश के कोने-कोने से हजारों की तादाद में आए किसानों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को राजधानी में ऐतिहासिक रैली निकालकर मोदी सरकार पर किसानों के साथ वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को सत्ता से हटाने के लिए देशवासियों को आगे आने का आह्वान किया।
 
 
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले देश के 208 जन संगठनों से जुड़े किसानों ने रामलीला मैदान से संसद मार्च तक विशाल रैली निकाली और आसमान उनके नारों से गूंज उठा। संसद मार्ग थाने से लेकर बाराखंभा रोड चौराहे तक हाथ में झंडे और तख्तियां लिए चारों तरफ किसान ही किसान नजर आ रहे थे।
 
बिहार, बंगाल, उत्तरप्रदेश, पंजाब, हिमाचल से लेकर महाराष्ट्र, तमिलनाडु, केरल और मिजोरम एवं असम समेत 27 राज्यों एवं केंद्रशासित क्षेत्र से आए ये गरीब किसान रामलीला मैदान से पैदल चलकर नारे लगते हुए संसद मार्ग पहुंचे। संसद मार्ग पर एक विशाल मंच बना था जिस पर देश के किसान नेताओं और विभिन्न दलों के राजनीतिज्ञों ने विशाल भीड़ को संबोधित किया।
 
मंच पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता अतुल कुमार अनजान, स्वराज्य अभियान के नेता योगेन्द्र यादव, नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर, किसान मुद्दे पर लिखने वाले मशहूर पत्रकार पी. साई नाथ, डॉ. सुनीलम समेत कई प्रमुख नेता एवं संसद भी मौजूद थे।
 
रामलीला मैदान से निकली यह ऐतिहासिक रैली संसद मार्ग पर एक विशाल धरना प्रदर्शन में बदल गई और वक्ताओं ने 3 घंटे तक किसानों को संबोधित किया। वक्ताओं ने मोदी सरकार पर तीखे हमले करते हुए उसे जुमलों की सरकार बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने से पहले किसानों के लिए जो भी वादे किए थे, उनमें से एक भी वादा नहीं निभाया बल्कि उनके साथ धोखा किया।
 
वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही और उसके कार्यकाल में पेट्रोल और डीजल ही नहीं, किसानों के खाद, बीज और बिजली के भी दाम बढ़ गए और उनके कर्ज माफ नहीं किए जबकि देश में आज हर 45 मिनट पर कहीं-न-कहीं कोई किसान आत्महत्या कर रहा है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अब तक कॉर्पोरेट जगत को 10 लाख करोड़ रुपए करों में छूट दी है और 3.50 लाख करोड़ रुपए के कर्ज माफ कर दिए जबकि किसान अपने कर्ज न चुकाने पर जेल की सजा भुगत रहा है।
 
वक्ताओं ने मोदी सरकार से स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने एवं किसानों से जुड़े 2 महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने और संसद का एक विशेष सत्र कृषि संकट पर बुलाने की मांग करते कहा कि मोदी सरकार किसानों की मांगें मानने की जगह समाज में दंगे फैलाने और मंदिर-मस्जिद के मुद्दे को हवा दे रही है। (वार्ता)